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जर्मन बेकरी ब्लास्ट के दोषी हिमायत बेग की फांसी को उम्रकैद में बदला गया

2010 के जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट केस में दोषी आतंकी हिमायत बेग की फांसी की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया है। पुणे की सेशंस कोर्ट ने बेग को फांसी की सजा सुनाई थी। बेग ने लोअर कोर्ट में हुई सुनवाई को ही चुनौती देते हुए

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 18 Mar 2016 04:38 AM (IST)Updated: Fri, 18 Mar 2016 04:46 AM (IST)

पुणे 2010 के जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट केस में दोषी आतंकी हिमायत बेग की फांसी की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया है। पुणे की सेशंस कोर्ट ने बेग को फांसी की सजा सुनाई थी। बेग ने लोअर कोर्ट में हुई सुनवाई को ही चुनौती देते हुए फिर से सुनवाई की अपील की थी।

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- बेग को 2013 में पुणे की सेशंस कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।

- इस फैसले को बेग ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
- जेल में बेग पर एक बार जानलेवा हमला भी हुआ था।

क्या है जर्मन बेकरी ब्लास्ट केस?

- 13 फरवरी 2010 को पुणे की जर्मन बेकरी में ब्लास्ट हुआ था। इसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 60 लोग घायल हुए थे।
- मारे गए लोगों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
- हिमायत बेग को आरडीएक्स रखने के आरोप में सितंबर 2010 में महाराष्ट्र के बीड से गिरफ्तार किया गया था।
- शेख लालबाबा मोहम्मद हुसैन उर्फ बिलाल बेग के अलावा 6 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था।
- दिसंबर 2010 में इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में 2500 पन्नों की रिपोर्ट फाइल की थी।


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