ब्रेस्ट की मिस्टीरियस डिसीज से पीड़ित पुणे की लड़कियां
यहां लड़कियों में ब्रेस्ट की मिस्टीरियस डिसीज सामने आई है। इस बिमारी में ब्रेस्ट में गांठ बनने के साथ पस भी निकलता है। अचानक इस बीमारी के बढ़ते मामलों से कैंसर स्पेशलिस्ट भी हैरत में हैं।
पुणे। यहां लड़कियों में ब्रेस्ट की मिस्टीरियस डिसीज सामने आई है। इस बिमारी में ब्रेस्ट में गांठ बनने के साथ पस भी निकलता है। अचानक इस बीमारी के बढ़ते मामलों से कैंसर स्पेशलिस्ट भी हैरत में हैं।
- इस बिमारी में ब्रेस्ट में गांठ बन जाती है, दर्द होता है और पस भी निकलता है।
- पुणे में यह बीमारी 20 से 30 साल की लड़कियों में सामने आ रही है।
- इन शिकायतों से डॉक्टर भी हैरत में हैं। उनका कहना है कि पहले ऐसे मामले कभी सामने नहीं आये हैं।
ऐसे पता चला बीमारी का
- इस बीमारी से जूझ रही प्राजक्ता जाधव बताती हैं, "मैंने अपनी ब्रेस्ट में एक गांठ महसूस की। इस गांठ में दर्द भी हो रहा था और पस भी निकल रहा था।"
- "यह देखकर मैंने दर्द कम करने के लिए कुछ पेन किलर्स लीं। लेकिन पेन किलर्स से मुसीबत कम होने की जगह और बढ़ गई।"
- "इसके बाद मैं और बीमार हो गई। डॉक्टर के पास गई तो डॉक्टर ने मुझे कैंसर स्पेशलिस्ट के पास जाने की सलाह दी।"
- "जब मैं कैंसर स्पेशलिस्ट के पास पहुंची तो मुझे पता चला कि मेरी ब्रेस्ट में इन्फेक्शन हो गया है और पस पड़ गया है।"
- "इसके बाद सर्जरी की मदद से पस को निकाला गया। लेकिन अभी तक मुझे यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों। मैं काफी हाइजीन कॉन्सियश हूं फिर मेरे साथ ऐसा कैसे हो सकता है।"
कई महिलाओं में एक जैसी बीमारी
- ऐसा ही मामला पुणे की आशा मुले के साथ भी सामने आया है।
- उन्होंने अपनी ब्रेस्ट में एक बबल देखा। कुछ दिन उसे इग्नोर करने के बाद उन्होंने देखा कि उनकी ब्रेस्ट हार्ड हो रही थी, शेप बदल रही थी।
- यह नोटिस करने के बाद वह ब्रेस्ट कैंसर स्पेशलिस्ट के पास पहुंची।
- आशा का कहना है कि, "मुझे लगा था कि यह कैंसर का कोई सिम्पटम है। लेकिन शुक्र है कि ऐसा कुछ नहीं था। मैं पिछले 4 महीने से दवा खा रही हूं और धीरे-धीरे इन्फेक्शन कम हो रहा है।"
हर महीने 6 मामले
- डॉक्टरों के मुताबिक हर महीने इस तरह के कम से कम 6 मामले सामने आ रहे हैं।
- कैंसर स्पेशलिस्ट मानते हैं कि यह कैंसर नहीं है।
- इस मामले पर डॉ अनुपमा कहती हैं, इसमें सबसे पेचीदा यह है कि अभी तक इस इन्फेक्शन के होने की वजह सामने नहीं आ रही है।
- कैंसर में कई तरीकों की थ्योरी हैं लेकिन इस मामले में कोई थ्योरी फिट नहीं हो रही। अभी इस पर डिटेल्ड स्टडी की जरूरत है।