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नोटबंदी से अर्थव्यवस्था सुस्त: चिदंबरम

नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर तगड़ी मार पड़ी है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यह आरोप लगाते हुए नोटबंदी को 2016 का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 13 Feb 2017 02:42 AM (IST)Updated: Mon, 13 Feb 2017 02:52 AM (IST)
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था सुस्त: चिदंबरम

मुंबई, प्रेट्र। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर तगड़ी मार पड़ी है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यह आरोप लगाते हुए नोटबंदी को 2016 का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 में आर्थिक विकास दर 6-6.5 प्रतिशत रहेगी। यह पहले के अनुमान से एक फीसद कम है। यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को सीधे 1.5 लाख करोड़ की चपत लगी है। इस वर्ष जीडीपी 150 लाख करोड़ रुपये है। इसका असर अगले वित्त वर्ष में भी रहेगा। सुस्ती दूर करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली को परोक्ष करों में फौरन कटौती करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि किसी के दिमाग में विचार आया। उसने नोटबंदी का एलान कर दिया। इससे जीडीपी को डेढ़ लाख करोड़ रुपये की चोट पड़ी। सरकार को देर-सवेर नोटबंदी की नादानी का एहसास होगा। इसे 2016 का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए चिदंबरम ने कहा कि आप पहले नोटबंदी करते हैं। फिर कहते हैं कि हम नए नोट जारी कर रहे हैं, क्या मजाक है। सरकार ने एक झटके में 15.44 लाख करोड़ रुपये की पांच सौ और हजार की नोटों को चलन से हटा दिया। अब सरकार वापस इतनी ही करेंसी छाप रही है।
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वित्त मंत्री ने गंवाया मौका
नौ बार बजट पेश कर चुके चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का आगे भी असर रह सकता है। जेटली के पास अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने का अच्छा मौका था, लेकिन उन्होंने इसे गंवा दिया। उत्पाद शुल्क और सर्विस टैक्स जैसे परोक्ष करों में कटौती मांग बढ़ाने का हमेशा से एक जांचा-परखा तरीका है। इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। वित्त मंत्री को सभी क्षेत्रों के लिए अप्रत्यक्ष करों में चार से आठ फीसद तक की कमी का एलान करना चाहिए।

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