संजय दत्त पर जेल विभाग ने अभी नहीं दिया जवाब
जेल विभाग की डीआइजी स्वाती साठे का भी कहना है कि इस बारे में जेल विभाग की तरफ से मीडिया को कोई बयान नहीं दिया गया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। संजय दत्त की समय पूर्व रिहाई के संबंध में बांबे हाई कोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों पर महाराष्ट्र के जेल विभाग ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है। जबकि राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि संजय दत्त को किसी प्रकार की विशेष छूट नहीं दी गई है।
महाराष्ट्र के अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) बीके उपाध्याय ने कहा कि संजय दत्त का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस बारे में जेल विभाग की तरफ से अभी बयान जारी नहीं किया गया है। जेल विभाग की डीआइजी स्वाती साठे का भी कहना है कि इस बारे में जेल विभाग की तरफ से मीडिया को कोई बयान नहीं दिया गया है। विभाग अपना पक्ष सीधे हाई कोर्ट में ही रखेगा। संजय दत्त को 12 मार्च, 1993 के सिलसिलेवार विस्फोट मामले में एके-56 राइफल रखने और उसे नष्ट करने के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें फरवरी 2016 में अच्छे आचरण का हवाला देते हुए निर्धारित अवधि से आठ माह पहले ही छोड़ दिया गया था।
हाई कोर्ट ने उनकी समय पूर्व रिहाई पर सवाल उठाने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 जून को पूछा था कि महाराष्ट्र सरकार ने संजय दत्त की रिहाई निर्धारित अवधि से आठ माह पहले क्यों कर दी थी? न्यायमूर्ति आरएम सावंत और न्यायमूर्ति साधना जाधव की खंडपीठ ने पूछा था कि राज्य सरकार ने किस आधार पर तय किया कि यरवदा जेल में सजा काट रहे संजय दत्त का आचरण अच्छा था। क्या इस संबंध में डीआइजी (जेल) से पूछा गया था या जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को भेज दी थी? इस मामले में जनहित याचिका पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर ने दायर की है।
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