समुद्र में उतरते समय पलटा नौसैनिक युद्धपोत 'बेतवा', दो सैनिकों की मौत
नौसेना का युद्धपोत आइएनएस बेतवा सोमवार को ड्राई डॉक से समुद्र में उतारते समय पलट गया। इस हादसे में दो नौसैनिक मारे गए और 14 घायल हो गए।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। नौसेना का युद्धपोत आइएनएस बेतवा सोमवार को ड्राई डॉक से समुद्र में उतारते समय पलट गया। इस हादसे में दो नौसैनिक मारे गए और 14 घायल हो गए। मारे गए दोनों नौसैनिक नीरज राय और आशुतोष पांडे नौसेना की इंजीनियरिंग सेवा से जुड़े थे। इस बीच, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा स्थिति का जायजा लेने के दिल्ली से मुंबई पहुंच रहे हैं।
नौसेना प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा के अनुसार, हादसा सोमवार दोपहर करीब 1.50 बजे हुआ। 3,850 टन वजनी और 126 मीटर लंबे इस युद्धपोत को मरम्मत के लिए ड्राई डॉक में लाया गया था। सोमवार को उसे पुन: समुद्र में उतारा जा रहा था। उसी दौरान किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण यह विशाल युद्धपोत अपने बाईं ओर पलट गया। नौसेना प्रवक्ता के अनुसार ऐसा हादसा नौसेना के इतिहास में पहली बार हुआ है। नौसेना सूत्रों के मुताबिक, दुर्घटना के समय जहाज पर 16 सैनिक मौजूद थे। उनमें से 14 को कुछ ही देर में बाहर निकालकर नौसैनिक अस्पताल आइएनएचएस अश्विनी भेज दिया गया। गोताखोर दो लापता नौसैनिकों की तलाश कर रहे थे, लेकिन शाम को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
आइएनएस बेतवा ( एफ-39 ) करीब एक दशक से नौसेना की सेवा में है। विंध्य क्षेत्र की बेतवा नदी के नाम पर इसका नामकरण किया गया है। इसका निर्माण नौसेना की युद्धपोत निर्माण परियोजना 16ए के तहत कोलकाता के गार्डन रिच शिपयार्ड में किया गया था। इसी श्रेणी के दो और युद्धपोत आइएनएस ब्रह्मïपुत्र और आइएनएस ब्यास भी नौसेना में हैं। आइएनएस बेतवा गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसका उपयोग 2012 में सोमालिया के समुद्री डाकुओं के विरुद्ध चलाए गए अभियान में किया जा चुका है। उससे पहले इजरायल-लेबनान युद्ध के समय भारतीयों को सुरक्षित निकालने में भी इसका उपयोग हुआ था। मुंबई में नौसेना प्रवक्ता कमांडर राहुल सिन्हा के मुताबिक दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। नौसेना ने रविवार (4 दिसंबर) को ही धूमधाम से भारतीय नौसेना दिवस मनाया है। अगले दिन ही ऐसी दुर्घटना नौसेना के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
दो साल में नौसेना में दुर्घटनाएं
जनवरी 2014- आइएनएस बेतवा के ही निचले हिस्से में कोई चीज टकरा जाने से इसके सोनार डोम को क्षति पहुंची थी। जिसकी मरम्मत कर दी गई थी।
जनवरी 2014- किलो-क्लास पनडुब्बी आइएनएस सिंधुघोष मुंबई हार्बर पर वापसी के समय समुद्र भाटे के कारण जमीन से छू गई थी। इससे पनडुब्बी में कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।
दिसंबर 2013- विशाखापत्तनम में आइएनएस कोंकण के इंजन रूम में आग लग गई थी।
दिसंबर 2013- आइएनएस तलवार से कोंकण के रत्नागिरि जिले के पास मछुआरों की एक नौका टकरा गई थी। इससे आइएनएस तलवार को हल्की क्षति पहुंची थी।
अगस्त 2013- किलो क्लास पनडुब्बी आइएनएस सिंधुरक्षक भीषण विस्फोट के कारण तहस-नहस हो गई थी। इस दुर्घटना में पनडुब्बी में मौजूद करीब 18 जवानों की जान चली गई थी।
बजाज की नई बाइक V12 इसी महीने आ रही है ,अब पॉवर के साथ माइलेज भी