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जनता अब सीधे चुनेगी नगरपालिका अध्यक्ष

नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव अब सीधे जनता करेगी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा मुंबई को छोड़कर अन्य महानगरपालिका व नगरपालिकाओं में एक सदस्यीय वार्ड की जगह फिर से बहुसदस्यीय वार्ड पद्धति पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 12 May 2016 05:47 AM (IST)Updated: Thu, 12 May 2016 05:52 AM (IST)
जनता अब सीधे चुनेगी नगरपालिका अध्यक्ष

मुंबईनगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव अब सीधे जनता करेगी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा मुंबई को छोड़कर अन्य महानगरपालिका व नगरपालिकाओं में एक सदस्यीय वार्ड की जगह फिर से बहुसदस्यीय वार्ड पद्धति पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इस संबंध में जल्द अध्यादेश जारी होगा।

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उल्लेखनीय है कि महानगरपालिका व नगरपालिका में एक सदस्यीय वार्ड पद्धति के फैसले को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ही बदला था। पिछले साल नवी मुंबई, कल्याण, डोंबिवली, औरंगाबाद, कोल्हापुर मनपा के चुनाव एक सदस्यीय वार्ड पद्धति से हुए थे, लेकिन भाजपा को अपेक्षित लाभ नहीं मिला था।

इसलिए अब फडणवीस सरकार ने एक बार फिर से बहुसदस्यीय वार्ड पद्धति लागू करने का फैसला लिया है। आगामी नंवबर-दिसंबर में 249 नगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं। जबकि अगले साल फरवरी-मार्च में मुंबई सहित 10 मनपा के चुनाव होंगे।

खरीद-फरोख्त पर लगेगी लगाम


नगराध्यक्ष का चुनाव नगरसेवकों की बजाय सीधे जनता द्वारा किए जाने से खरीद-फरोख्त पर लगाम लग सकेगी। वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने नगराध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने का फैसला किया था। उन्होंने मनपा के लिए त्रिसदस्यीय वार्ड पद्धति लागू की थी। लेकिन नगराध्यक्ष एक दल का चुना जाता था। जबकि नगरसेवकों का बहुमत दूसरे दल का रहता था। ऐसी स्थिति में नगरपालिका का कामकाज प्रभावित होता था। इसलिए 2006 में कानून में संशोधन कर नगराध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराए जाने के नियम को बदल दिया गया। जबकि स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण के बाद सरकार ने मुंबई को छोड़कर बाकी महानगरपालिकाओं के लिए दो सदस्यीय वार्ड पद्धति को लागू किया था।

निर्दलीय उम्मीदवारों को मुश्किल


बहुसदस्यीय पद्धति में निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए चुनाव जीतना मुश्किल होगा। दूसरी तरफ चुनाव बाद किसी दल को मनपा या नपा में बहुमत न मिलने पर निर्दलीय नगरसेवकों का महत्व बढ़ जाता है। लेकिन बहुसदस्यीय पद्धति में निर्दलीय नगरसेवकों का महत्व कम होगा।

ये होगी वार्डों की व्यवस्था

मनपा
4 वार्ड को मिलाकर एक प्रभाग बनेगा। इनमें से 2 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगी। जबकि 2 सीट सामन्य वर्ग के लिए होंगी।


नगरपालिका
2 वार्ड को मिलाकर एक प्रभाग बनेगा। इसमें से एक सीट महिला के लिए आरक्षित रहेगी। जबकि दूसरा सामन्य होगा।


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