मुंबई पहुंचा दुनिया का सबसे बड़ा घुमंतू सिने फेस्टिवल
फिल्म संस्कृति की जड़ें गहरी करने की गरज से शुरू किया गया जागरण फिल्म फेस्टिवल अपने सफर के आठवें साल में पहुंच गया है।
मुंबई, [जागरण संवाददाता]। फिल्म संस्कृति की जड़ें गहरी करने की गरज से शुरू किया गया जागरण फिल्म फेस्टिवल अपने सफर के आठवें साल में पहुंच गया है। हर बार की तरह हिंदी हार्टलैंड के एक दर्जन से ज्यादा शहरों के सिने प्रेमियों को आला दर्जे की फिल्मों का गुलदस्ता देता हुआ यह सोमवार को मुंबई आया।
ओपनिंग फिल्म, अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है, के डायरेक्टर सौमित्र रानाडे, अभिनेता मानव कौल, डीएस ग्रुप के सीएसए दीपक ठक्कर, फेस्टिवल के रणनीतिक सलाहकार मनोज श्रीवास्तव व जागरण प्रकाशन लिमिटेड के सीनियर जनरल मैनेजर विनोद श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित कर फेस्टिवल की शुरुआत की। ओपनिंग फिल्म में नंदिता दास, मानव कौल व सौरभ शुक्ला मुख्य भूमिका में हैं। हाल ही में इसने सिंगापुर के प्रतिष्ठित सिने फेस्टिवल में भी खासी सराहना बटोरी थी।
इसके अलावा नीरज पांडे की ‘एमएस धोनी, द अनटोल्ड स्टोरी’ और शिवम नायर की ‘नाम शबाना’ की स्क्रीनिंग भी हुई। इन्हें देखने सिने प्रेमियों की भारी भीड़ जुटी।
ऋषि कपूर की फिल्में : इस बार ऋषि कपूर की फिल्में रेट्रोस्पेक्ट श्रेणी में दिखाई जाएंगी। फ्रांस के न्यू वेव जॉनर की फिल्में भी मुख्य आकर्षण हैं। साथ ही तीन दिवंगत कद्दावर कलाकार ओमपुरी, रीमा लागू और विनोद खन्ना की फिल्में भी दर्शकों को दिखाई जाएंगी। कंपीटिशन कैटेगरी की फिल्मों में विजेता को नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इस बार ज्यूरी की अगुआई प्रख्यात फिल्मकार सुधीर मिश्र, राहुल रवैल और एक्टिंग ट्रेनर बैरी जॉन कर रहे हैं।
मैं इतना प्रेरित हुआ : उद्घाटन के मौके पर डायरेक्टर सौमित्र रानाडे ने अपनी फिल्म के बारे में कहा, ‘मैंने सईद मिर्जा साहब की ‘अल्बर्ट पिंटो..’ कॉलेज के जमाने में देखी थी। मैं इतना प्रेरित हुआ उससे कि फिल्मों में ही आने का मन बना लिया। मैंने पुणो के सिने संस्थान एफटीआइआइ में दाखिला लिया। इस फिल्म का विषय ऐसा है कि हर पांच वर्ष पर इसका अगला वर्जन बनना चाहिए। मैंने इसी नाम से अपनी फिल्म बनाई।’
मंगलवार को मिलेगा गुरुमंत्र : मंगलवार के लिए फिल्मों से इतर भांति-भांति के मास्टर क्लास भी आयोजित हैं। इसके तहत अदाकार, फिल्मकार व तकनीशियन बनने के ख्वाहिशमंद लोगों को गुरु मंत्र दिया जाएगा। इनमें अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज अनुभवों से फिल्म निर्माण की बारीकियों से अवगत कराएंगे। शुरुआत मशहूर एक्टिंग ट्रेनर बैरी जॉन से हो रही है। वे किरदारों को आत्मसात करने के गुर अदाकार बनने के इच्छुकों को देंगे। पूर्व में नसीरुद्दीन शाह, दिवंगत ओमपुरी जैसे कद्दावर कलाकारों ने भी फेस्टिवल के दौरान अपनी अदायगी के अनुभव सबसे साझा किए थे।
बैरी जॉन के दिशानिर्देश में शाह रुख खान, मनोज बाजपेयी जैसे धुरंधर अदाकारों ने एक्टिंग के गुर सीखे थे। अदायगी के अलावा जड़ और जमीन की कहानियों की आज की तारीख में संभावनाओं पर सौमित्र रानाडे, अविनाश दास और श्याम माहेश्वरी सिने निर्माता बनने वालों के इच्छुकों के समक्ष तथ्य रखेंगे। उन्होंने ‘चरणदास चोर’ बनाई थी, जबकि अविनाश दास की इसी साल ‘अनारकली ऑफ आरा’ आई थी।