कपिल शर्मा को हाई कोर्ट से मिली राहत
अवैध निर्माण के मामले में कॉमेडियन कपिल शर्मा को बांबे हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है। बृहन्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने अप्रैल में इसे ढहाने को लेकर कपिल को नोटिस भेजा था। हाई कोर्ट ने सोमवार को इसके अमल पर अंतरिम रोक लगा दी है।
मुंबई, प्रेट्र। अवैध निर्माण के मामले में कॉमेडियन कपिल शर्मा को बांबे हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है। बृहन्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने अप्रैल में इसे ढहाने को लेकर कपिल को नोटिस भेजा था। हाई कोर्ट ने सोमवार को इसके अमल पर अंतरिम रोक लगा दी है।
कपिल गोरेगांव के डीएलएच एनक्लेव की 18 मंजिला इमारत के एक फ्लैट में रहते हैं। बीएमसी ने फ्लैट में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए मुंबई नगर निगम अधिनियम की धारा 351 के तहत 28 अप्रैल को नोटिस भेजा था। उनके वकील प्रदीप थोराट ने जस्टिस रणजीत मोरे और अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ को बताया कि डीएलएच लिमिटेड नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुका है। उसकी सुनवाई 23 नवंबर को होनी है। इस पर जस्टिस मोरे ने कपिल शर्मा की अर्जी को भी उसके साथ जोडऩे का निर्देश दिया और तब तक के लिए इसके अमल पर रोक लगा दी। बीएमसी कपिल शर्मा के वर्सोवा स्थित ऑफिस पर भी पर्यावरण नियमों के उल्लंघन करने को आरोप लगाया है। टीवी कलाकार इन आरोपों को लगातार खारिज करते रहे हैं।
दरअसल, कपिल शर्मा ने बीएमसी के एक अधिकारी पर पांच लाख रुपये का घूस मांगने का आरोप लगाया था। ट्विटर पर उन्होंने प्रधानमंत्री को भी टैग किया था। कपिल ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया कि बीएमसी ने मार्च और अप्रैल 2010 में डेवलपर को 18 मंजिला इमारत बनाने की इजाजत दी थी। 6 नवंबर, 2013 को फुल अक्युपेशन सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था। इसके बाद 14 नवंबर, 2014 को बिल्डिंग एंड फैक्ट्री विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर ने फ्लैट में अवैध निर्माण करने को लेकर नोटिस जारी किया था। बकौल कपिल, उन्होंने इसका जवाब भी दिया था, लेकिन निगम ने उनके स्पष्टीकरण को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद उन्होंने सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने 28 दिसंबर, 2014 को सुनवाई पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देते हुए कपिल को अंतरिम राहत दी थी।