कश्मीर मसले पर चार पक्षीय बातचीत होनी चाहिए: वैदिक
वरिष्ठ पत्रकार एवं विदेश नीति के विशेषज्ञ डॉ. वेदप्रताप वैदिक का मानना है कि कश्मीर विवाद का हल चार पक्षीय बातचीत से ही हो सकता है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। वरिष्ठ पत्रकार एवं विदेश नीति के विशेषज्ञ डॉ. वेदप्रताप वैदिक का मानना है कि कश्मीर विवाद का हल चार पक्षीय बातचीत से ही हो सकता है। यह बातचीत भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ भारत एवं पाक अधीकृत कश्मीर के लोगों के बीच होनी चाहिए।
डॉ. वैदिक शनिवार को मुंबई प्रेस क्लब में एक परिसंवाद को संबोधित कर रहे थे। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक जटिल मुद्दा है। इसे दोनों तरफ से कश्मीरवासियों को शामिल किए बिना नहीं सुलझाया जा सकता। वैदिक का साफ मानना है कि कश्मीर मुद्दे पर बात करते समय रक्षात्मक रवैया अपनाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहली बार पाक अधीकृत कश्मीर एवं बलूचिस्तान का नाम लेने को सही कदम बताते हुए वैदिक ने कहा कि वह लंबे समय से देश के कई प्रधानमंत्रियों से यही रवैया अख्तियार करने को कहते रहे हैं। लेकिन लोग सभी प्रधानमंत्री यह कहकर टालते रहे कि पाक अधीकृत कश्मीर का नाम लेते ही पाकिस्तान भारतीय कश्मीर के गड़े मुर्दे उखाड़ना शुरू कर देगा।
पाकिस्तान द्वारा जनमत संग्रह की मांग का भी आक्रामक तरीके से सामना करने की सलाह देते हुए डॉ. वैदिक ने कहा कि जनमत संग्रह करवाने की स्थिति में पाकिस्तान को सबसे पहले पाक अधीकृत कश्मीर से अपनी सेवाएं हटवानी पड़ेंगी। वैदिक के अनुसार पूरा कश्मीर क्षेत्र 86000 वर्ग मील में फैला है। जिसमें से सिर्फ 40000 वर्ग मील ही भारत के पास है। कश्मीर का बाकी हिस्सा पाकिस्तान एवं चीन के पास है। कश्मीर विवाद पर चर्चा करते समय कश्मीर के उस हिस्से पर भी बात होनी चाहिए, जो पाकिस्तान ने चीन को सौंप दिया है।