ट्रेन से पानी भेजने का बिल चार करोड़
रेलवे प्रशासन ने लातूर के लिए ट्रेन से पानी भिजवाने के एवज में चार करोड़ रुपयों का बिल वहां के जिलाधिकारी को भेज दिया है। मध्यरेलवे के महाप्रबंधक का कहना है कि यह बिल प्रशासन के आग्रह पर भिजवाया गया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। रेलवे प्रशासन ने लातूर के लिए ट्रेन से पानी भिजवाने के एवज में चार करोड़ रुपयों का बिल वहां के जिलाधिकारी को भेज दिया है। मध्यरेलवे के महाप्रबंधक का कहना है कि यह बिल प्रशासन के आग्रह पर भिजवाया गया है।
भीषण सूखे से जूझ रहे मराठवाड़ा के एक जनपद लातूर में पिछले एक माह से पीने के पानी ट्रेन से भिजवाया जा रहा है। शुरू में समझा जा रहा था कि सूखाग्रस्त मराठवाड़ा के लिए रेल विभाग की यह विशेष सेवा है। पिछले माह 10 टैंकरों की यह ट्रेन शुरू होने पर स्थानीय भाजपा नेता इसका श्रेय लूटने में भी पीछे नहीं रहे थे। लेकिन अब रेल प्रशासन ने लातूर जिला प्रशासन को 6.20 करोड़ लीटर पानी भिजवाने का बिल चार करोड़ रुपए भेजकर इस भ्रम से परदा उठा दिया है। लेकिन मध्यरेल महाप्रबंधक एस.के.सूद का कहना है कि यह बिल जिला प्रशासन के आग्रह पर ही भिजवाया गया है। अब वह यदि चाहे तो इसे माफ करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ लिखापढ़ी कर सकता है। रेल विभाग के सूत्रों का यह भी कहना है कि सूखा राहत के लिए निर्धारित बजट में रेलवे को दी जानेवाली राशि भी तय की गई है। इसलिए यह बिल भिजवाना अनुचित नहीं माना जा सकता।
बता दें कि जनवरी माह ही रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ बैठक में पेयजल भिजवाने के लिए रेलवे की मदद देने की पेशकश की थी। पिछले माह 11 अप्रैल को जलदूत नामक यह ट्रेन पश्चिम महाराष्ट्र के मिरज से 350 किलोमीटर का सफर तय कर अगले दिन लातूर पहुंची थी। शुरू में 10 वैगन वाली ट्रेनों से नौ चक्कर में प्रतिदिन पांच लाख लीटर, फिर 50 वैगन वाली ट्रेन से प्रतिदिन 25 लाख लीटर पानी भिजवाया जाता रहा है।