डांस बार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा : रोड पर भीख मांगने से डांस करना बेहतर
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के डांस बार मामले में सोमवार को कहा, ‘सड़कों पर भीख मांगकर या किसी अन्य गलत तरीके से जिंदगी बिताने से बेहतर है डांस करना। डांस करके पैसा कमाना महिला का संवैधानिक हक है।
मुंबई/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के डांस बार मामले में सोमवार को कहा, ‘सड़कों पर भीख मांगकर या किसी अन्य गलत तरीके से जिंदगी बिताने से बेहतर है डांस करना। डांस करके पैसा कमाना महिला का संवैधानिक हक है। डांस से पैसा कमाना, गलत तरीके से पैसा कमाने से बेहतर है।’ जस्टिस दीपक मिश्रा और शिवाकीर्ति सिंह की बेंच ने डांस बार को लाइसेंस न दिए जाने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को फटकारते हुए ये टिप्पणी की।
शर्त पूरी न करने पर लाइसेंस न दिए जाने के मसले पर उन्होंने कहा कि आप ये नहीं कह सकते कि डांस नहीं होगा, रेगुलेशन और बैन में फर्क होता है। हर किसी की नैतिकता तय नहीं की जा सकती। लाइसेंस जारी करने में देरी पर बेंच ने कहा कि ये क्या है? आपने हमारे आदेश का पालन क्यों नहीं किया? आप क्या प्रमाण पत्र चाहते हैं? आप एक हफ्ते के भीतर लाइसेंस जारी करें।
अश्लीलता रोकने कदम उठाएं'
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सालीसिटर जनरल पिंकी आंनद ने कहा कि सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि डॉस बार में अश्लीलता न हो और महिला का सम्मान कायम रहे। कोर्ट ने अश्लीलता को लेकर सरकार द्वारा जताई गई चिंता पर कहा कि वह अश्लीलता रोकने के लिए नियम बनाए, न कि डांस बार खुलने से रोके।
क्या है मामला
मुंबई में डांस बार का मामला लंबे समय से कोर्ट की कार्रवाई और सरकारी सख्ती के बीच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में डांस बार पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद डांस बार मालिकों ने कोर्ट का रुख किया।
उनका कहना था कि सरकार के इस फैसले के कारण हजारों लोगों की रोजी-रोटी बंद हो जाएगी। इसके बाद कुछ शर्तों के साथ कोर्ट ने डांस बार वापस खोले जाने और उनके लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद भी राज्य सरकार की ओर से डांस बार को लेकर काफी कठोरता दिखाई जा रही थी।