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पेंडिंग प्रोजेक्ट्स को शुरु करेगी सेंट्रल गवर्मेंट, 26 सिंचाई प्रोजेक्ट 4 वर्ष में होंगी पूरी!

केंद्र सरकार देश में वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को गति देना चाहती है। महाराष्ट्र में इस तरह की 26 सिंचाई परियोजनाएं हैं। इनको अगले चार वर्षों में पूरा करने की योजना है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 02 May 2016 04:42 AM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 04:45 AM (IST)

मुंबईकेंद्र सरकार देश में वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को गति देना चाहती है। महाराष्ट्र में इस तरह की 26 सिंचाई परियोजनाएं हैं। इनको अगले चार वर्षों में पूरा करने की योजना है। इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य को निधि मुहैया कराई जाएगी।

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जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में तीन मई को केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री उमा भारती सरकारी अतिथि गृह सह्याद्री में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन के साथ बैठक करेंगी। बैठक में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहेंगे।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार हर साल 6.5 से 7.5 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करती है, लेकिन इससे सभी अहम सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना संभव नहीं है। जलसंसाधन विभाग ने 26 परियोजनाओं को तीन चरणों में बांटा है।

पहले चरण में 2017-18 में 7, दूसरे चरण में 2018-19 के दौरान 13 और तीसरे चरण के तहत 2019-20 में 6 परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा। इन पर 36 हजार 299 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनके पूरा होने से आठ लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता निर्मित होगी।

राज्य के सिंचाई प्रकल्पों को अब तक मिले 58 अरब
ब्यूरो, नई दिल्ली. केंद्र ने कहा है कि महाराष्ट्र की सिंचाई परियोजनाओं का काम पूरा होने के बाद विदर्भ सहित पिछड़े इलाकों को भरपूर फायदा मिलेगा। परियोजनाओं का काम जल्द पूरा करने के लिए केंद्र वर्ष 2015-16 तक 58 अरब 34 करोड़ रुपए की राशि जारी कर चुका है।


यह जानकारी केन्द्रीय योजना राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में भाजपा सांसद रामदास तड़स के एक सवाल के जवाब में दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के पिछड़े इलाके विदर्भ के विकास को लेकर सरकार गंभीर है।

उन्होंने बताया कि त्वरित लाभ सिंचाई कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र में 21 बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इस मद में वर्ष 2015-16 तक 58 अरब 34 करोड़ रुपए की केंद्रीय मदद जारी की जा चुकी है। इसका फायदा पूरी तरह विदर्भ को होगा।

सिंह ने बताया कि एक जुलाई 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने विदर्भ के किसानों का संकट दूर करने के लिए 3,873 करोड़ रूपये के एक विशेष पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी। इसके अलावा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 3,250 करोड़ के आवंटन के साथ वर्ष 2012 में विदर्भ गहन सिंचाई विकास योजना शुरू की गई थी।


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