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दाभोलकर हत्याकांड में 3 साल बाद पहली गिरफ्तारी

पुणे में तीन साल पहले हुए डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में सीबीआई ने शुक्रवार देर रात पहली गिरफ्तारी की है। इस मामले में मुंबई के निकट पनवेल निवासी डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 Jun 2016 05:07 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jun 2016 05:14 AM (IST)
दाभोलकर हत्याकांड में 3 साल बाद पहली गिरफ्तारी

मुंबई, राज्य ब्यूरो पुणे में तीन साल पहले हुए डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में सीबीआई ने शुक्रवार देर रात पहली गिरफ्तारी की है। इस मामले में मुंबई के निकट पनवेल निवासी डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया गया है। अंधविश्वासों के विरुद्ध अभियान चलानेवाले डॉ. दाभोलकर को 20 अगस्त, 2013 को पुणे में दो मोटरसाइकिल सवार युवकों ने गोली मार दी थी।

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डॉ. नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े थे। वह राज्य विधानसभा में अंधविश्वासों के विरुद्ध एक विधेयक भी पारित करवाना चाहते थे, जो 18 साल से अटका पड़ा था। लेकिन दाभोलकर की हत्या के तुरंत बाद तत्कालीन संप्रग सरकार ने आनन-फानन में इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। दाभोलकर की हत्या राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी रही है। पिछले दिनों कुछ साहित्यकारों-रंगकर्मियों द्वारा पुरस्कार वापसी मुहिम के समय भी कर्नाटक के डॉ. कलबुर्गी के साथ-साथ डॉ. दाभोलकर की हत्या को भी मुद्दा बनाया गया था। दाभोलकर की हत्या के एक साल बाद तक पुणे पुलिस को कोई सफलता मिलती न देख मुंबई उच्चन्यायालय के निर्देश पर इस मामले की जांच मई 2014 सीबीआई को सौंप दी गई थी। साल भर तक सीबीआई को भी कोई सफलता मिलती न देख जुलाई 2015 में दाभोलकर के परिजनों ने उच्चन्यायालय से यह जांच अपनी देखरेख में कराने का अनुरोध किया था। परिजनों ने मामले की जांच कर रहे सीबीआई के डिप्टी एसपी के स्थानांतरण पर भी सवाल उठाए थे।

परिजनों के अनुरोध के बाद मई 2016 में उच्चन्यायालय ने सीबीआई को फटकार लगाई थी। जिसके बाद कुछ सप्ताह पहले सीबीआई ने पनवेल एवं पुणे के कुछ ठीकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने पनवेल स्थित डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े के निवास एवं पुणे स्थित सारंग अकोलकर के निवास पर छापे मारे थे। डॉ. तावड़े हिंदू जनजागृति समिति से एवं अकोलकर सनातन संस्था से संबद्ध बताए जाते हैं। सारंग अकोलकर 2009 के गोवा विस्फोटकांड में भी वांछित है। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। सीबीआई को डॉ. तावड़े एवं सारंग अकोलकर को बीच ई-मेल के आदान-प्रदान के सबूत मिले हैं। डॉ. तावड़े के नाम से पंजीकृत एक फोन की लोकेशन भी दाभोलकर की हत्या के समय पुणे के ओंकारेश्वर ब्रिज के पास मिली थी। दाभोलकर की हत्या इसी पुल पर सुबह टहलते समय की गई थी। इन्हीं सबूतों के आधार पर सीबीआई ने शुक्रवार को डॉ. तावड़े को पूछताछ के लिए बुलाया था। फिर देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया । डॉ. तावड़े मुंबई के एक अस्पताल में नाक-कान-गले के विशेषज्ञ के रूप में 15 साल से काम कर रहा है।


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