7/11 मुंबई धमके के बारे में वो सब, जो आप जानना चाहते हैं
जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेन में धमाकों के बारह आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया है और एक को रिहा कर दिया है। धमाकों के 9 साल बाद यह फैसला आया है। आइए जानते हैं इस धमाके और इसमें शामिल आतंकियों के बारे में:
मल्टीमीडिया डेस्क। जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेन में धमाकों के बारह आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया है और एक को रिहा कर दिया है। धमाकों के 9 साल बाद यह फैसला आया है।
आइए जानते हैं इस धमाके और इसमें शामिल आतंकियों के बारे में:
- 11 जुलाई 2006 के लोकल ट्रेन धमाके में 189 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
- एक के बाद एक सात धमाकों से एक बार फिर मुंबई दहल गई थी।
- धमाकों की शुरुआत शाम 6.20 बजे हुई थी। पहला विस्फोट चर्चगेट से बोरीवली जा रही लोकल ट्रेन के फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट में हुआ था।
- धमाके के वक्त यह लोकल ट्रेन खार और सांताक्रूज रेलवे स्टेशन के बीच में थी।
- अगले 10 मिनटों में बांद्रा-खार रोड, जोगेश्वरी-माहिम जंक्शन, मीरा रोड-भायंदर, माटुंगा-माहिम जंक्शन तथा बोरीवली की लोकल ट्रेनों में भी धमाके हुए।
- एटीएस की चार्जशीट में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
फैसल शेख
लश्कर-ए-तैयबा का मुंबई प्रमुख
इसने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली है और लश्कर कमांडर आजम चीमा के लिए काम करता था। पाकिस्तान से इसे हथियार मिले थे।
चीमा के आदेश पर शेख ने अपने भाई डॉक्टर तनवीर अंसारी, शोहेल शेख और जमीर शेख को पाकिस्तान के रास्ते तेहरान भेज दिया था।
11 जुलाई के बम धमाकों को अंजाम देने के लिए हवाला के जरिए पैसे मंगाए गए थे। यह पैसे रिजवान डवारे (अब फरार है) और उसके भाई राहिल के जरिए पहुंचाए गए थे।
फैसल, आसिफ और बाशिर खान मुख्य साजिशकर्ता थे। हमले की पूरी योजना बांद्रा स्थित फैसल के घर पर रची गई थी। मोहम्मद अली के घर पर बम बनाए गए थे।
आसिफ खान, बशीर खान उर्फ जुनैद
मुख्य साजिशकर्ता
पाकिस्तान से आए आतंकियों को अपने मीरा रोड स्थित घर पर पनाह दी थी। उनके लिए रैक्जीन बैग, बर्तन, अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर्स का इंतजाम किया था।
मोहम्मद अली
सिमी कार्यकर्ता
पाकिस्तान में हथियारों का प्रशिक्षण लिया था। इसके घर पर भी बम बनाए गए थे। धमाकों की साजिश में यह भी शामिल था।
माजिद मोहम्मद शफी
कोलकाता का रहने वाला
पाकिस्तानी आतंकवादियों, साबिर, अबु बक्र, कासम अली, अम्मू जान, एहसानुल्ला और अबु हसन की मदद की थी। इसमे से एहसानुल्ला और अबु हसन बांग्लादेश की सीमा पार करके भारत पहुंचे थे।
एहसानुल्ला अपने साथ आरडीएक्स लाया था, जिसका इस्तेमाल बम में किया गया था।
साजिद मरगब अंसारी
सिमी कार्यकर्ता
धमाकों में इस्तेमाल हुए टाइमर और इलेक्ट्रिक सर्किट का इंतजाम किया था। पाकिस्तानी आतंकी असलम और हैफजुल्ला को अपने घर पर शरण दी।
मोहम्मद अली के घर पर बम बनाने में मदद की थी। 11 जुलाई को किए जाने वाले हमलों की योजना में शामिल था।
कमल अंसारी
मधुबनी का रहने वाला
पाकिस्तान में हथियारों की ट्रेनिंग ली थी
पाकिस्तानी आतंकवादी असलम और हफीजुल्ला को भारत-नेपाल बॉर्डर क्रॉस करने में मदद किया था।
एहतेशाम सिद्दीकी
सिमी का मुंबई सचिव
पाकिस्तानी आतंकी अम्मू जान, साबिर, अबु बक्र, कासम अली, एहसानुल्ला और अबु हसन को मुंब्रा स्थित मकान में रखा था। इस मकान को अब्दुल वाहिद दिन शेख ने किराए पर लिया था।
इन्होंने लोकल ट्रेन में बम रखने से पहले अच्छी तरह से रेकी की थी। लोकल ट्रेन में बम रखा था, जो मीरा रोड स्टेशन पर ब्लास्ट हुआ था।
जमीर शेख
सिमी कार्यकर्ता
पाकिस्तान में हथियारों की ट्रेनिंग लिया था। बम रखने के लिए लोकल ट्रेनों का सर्वे किया था।
मुजम्मिल शेख
फैसल का भाई
कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके इस शख्स ने पाकिस्तान में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी।
शोहेल शेख
सिमी कार्यकर्ता
पाकिस्तान में हथियार चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग ले चुका है।
डॉक्टर तनवीर अंसारी
सिमी कार्यकर्ता
हथियारों की ट्रेनिंग पाकिस्तान से ले चुका है।
नवीद हुसैन
हैदराबाद में कॉल सेंटर का कर्मचारी था। फैसल का दोस्त भी है। इसके द्वारा लगाया गया बम बांद्रा स्टेशन के पास ब्लास्ट हुआ था।
अब्दुल वाहिद दिन शेख
सिमी कार्यकर्ता
- 11 जुलाई 2006 : आरडीएक्स से बने सात बमों से मुंबई लोकल की ट्रेनों में धमाके किए गए। जिसमें 189 लोगों की मौत हो गई थी और 800 घायल हुए थे।
- 21 जुलाई 2006 : धमाके में शामिल लोगों से संपर्क रखने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- 30 नवंबर 2006 : एटीएस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनकी चार्जशीट दाखिल की। 15 फरार आरोपियों पर मकोका के तहत मुकदमा चलाया गया।
- 21 जून 2007 : 7/11 के आरोपियों ने खुद पर से मकोका हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फरवरी 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर स्टे दे दिया।
- 23 सितंबर 2008 : मुंबई क्राइम ब्रांच ने इंडियन मुजाहिदीन के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
- 13 फरवरी 2010 : 7/11 के आरोपियों की पैरवी करने वाले युवा वकील शाहिद आजमी की हत्या कर दी गई।
- 23 अप्रैल 2010 : ट्रायल पर बना स्टे खत्म हुआ तो गवाही का सिलसिला शुरू हुआ।
- 23 जून 2010 : कोर्ट में चल रही सुनवाई से मीडिया को दूर रखा गया।
- 30 अगस्त 2013 : इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासिन भटकल को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया।
- 20 अगस्त 2014 : मामले का ट्रायल पूरा हुआ और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।