क्या राधे मां के खिलाफ बनता है अश्लीलता फैलाने का केस?
हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस से पूछा कि धर्म गुरु राधे मां के खिलाफ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 110 के तहत अशिष्टता या अश्लीलता फैलाने का मामला बनता है या नहीं।
मुंबई। हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस से पूछा कि धर्म गुरु राधे मां के खिलाफ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 110 के तहत अशिष्टता या अश्लीलता फैलाने का मामला बनता है या नहीं।
हाई कोर्ट के जस्टिस वीएम कनाडे और शालिनी फानसाल्कर जोशी की खंडपीठ ने अधिवक्ता फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में अश्लीलता, धोखाधड़ी और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में राधे मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
उपनगर बोरीवली पुलिस द्वारा फाल्गुनी की शिकायत पर कार्रवाई करने से कथित रूप से इनकार करने के बाद उन्होंने अदालत की शरण ली है। राधे मां ने याचिका का विरोध किया था। उनके वकीलों ने दावा किया है कि सभी उपदेश कमरे के अंदर दिए जाते हैं। ऐसे में इसे सार्वजनिक रूप से अश्लीलता फैलाना नहीं माना जा सकता। पिछले सप्ताह मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को निर्देश दिया था कि राधे मां के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर उसने अब तक क्या कार्रवाई की, शपथ-पत्र दाखिल कर उनका जवाब दे। पुलिस ने गुरुवार को अर्जी दायर कर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का और समय मांगा। हालांकि कोर्ट ने पुलिस को एक ही हफ्ते का समय दिया।