भेदभाव का आरोप: पुलिस ने बंद की मिस्बाह मामले की फाइल
मुस्लिम होने के कारण मुंबई में किराए पर फ्लैट नहीं मिलने से चर्चा में आई मिस्बाह कादरी मामले की पुलिस ने फाइल बंद कर दी है। मिस्बाह ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उसे वडाला इलाके में स्थित संघवी हाइट्स से बाहर कर दिया गया था। मामले
वरुण सिंह (मिड-डे), मुंबई। मुस्लिम होने के कारण मुंबई में किराए पर फ्लैट नहीं मिलने से चर्चा में आई मिस्बाह कादरी मामले की पुलिस ने फाइल बंद कर दी है। मिस्बाह ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उसे वडाला इलाके में स्थित संघवी हाइट्स से बाहर कर दिया गया था।
मामले की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर पोर्ट जोन की डीसीपी किरण चह्वाण ने कहा, 'हम मामले की जांच नहीं कर रहे हैं। मिस्बाह कादरी की ओर से लगाए गए सभी आरोपों की जांच रोक दी गई है।' इसकी वजह पूछने पर उन्होंने बताया, 'मिस्बाह के आरापों के संबंध में हमें कोई तथ्य या सुबूत नहीं मिले। उस इमारत में अन्य मुस्लिम परिवार भी रहते हैं। हमने इस संदर्भ में जवाब मानवाधिकार आयोग को भेज दिया है। आयोग ने इस मामले को देखने को कहा था।' कादरी ने आरोप लगाया था, 'ब्रोकर ने मुझसे एक एनओसी पर हस्ताक्षर करने को कहा था ताकि मुझे अगर अपने धर्म के चलते किसी उत्पीडऩ का सामना करना पड़े तो ब्रोकर, बिल्डर या मालिक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए। मुझे बाहर कर दिया गया क्योंकि मैंने एनओसी पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था।' इस साल मई के आखिर में यह खबर सामने आने के बाद मीडिया में छाई रही। पुलिस के इस दावे पर जब कादरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे कानून से कोई उम्मीद नहीं है। मैं मुंबई से शिफ्ट हो गई हूं। मैंने भेदभाव का सामना किया। मैं मीडिया में जाना नहीं चाहती हूं।'