मैगी से प्रतिबंध हटा
बांबे हाई कोर्ट ने गुरुवार को मैगी को बड़ी राहत देते हुए इस पर लगा प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन भारतीय बाजार में फिर से उतारने से पहले नेस्ले को अपने इस उत्पाद की प्रयोगशाला में जांच करानी व फूड रेगुलेटर अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होगी।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने गुरुवार को मैगी को बड़ी राहत देते हुए इस पर लगा प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन भारतीय बाजार में फिर से उतारने से पहले नेस्ले को अपने इस उत्पाद की प्रयोगशाला में जांच करानी व फूड रेगुलेटर अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होगी।
हाई कोर्ट ने नेस्ले को उसके सभी नूडल्स के पांच-पांच नमूने ताजा जांच के लिए पंजाब, हैदराबाद एवं जयपुर की राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मंजूरी प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजने को कहा है। यदि जांच में इनमें लेड की मात्रा स्वीकार्य सीमा से कम पाई जाती है, तो नेस्ले को मैगी नूडल्स बनाने एवं भारतीय बाजारों में बेचने की अनुमति दे दी जाएगी।
हाई कोर्ट से एफएसएसएआइ को फटकार
हाई कोर्ट ने फूड सेफ्टी रेगुलेटर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नेस्ले के उत्पादों पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए नैसर्गिक न्याय का पालन नहीं किया गया। बता दें कि जून में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने मैगी को मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते हुए इस पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद ही नेस्ले ने बांबे हाई कोर्ट में इस प्रतिबंध को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इस फैसले के बाद नेस्ले के शेयरों में भी उछाल दिखाई दिया है।
फिर से दो मिनट में तैयार होगी मैगी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हाई कोर्ट के फैसले के बाद स्विस कंपनी नेस्ले की भारतीय इकाई मैगी की नए सिरे से जांच कराने की तैयारी में जुट गई है। कंपनी ने मुंबई शेयर बाजार को बताया है कि कंपनी फैसले का अध्ययन करने के बाद अक्टूबर, 2015 से मैगी को भारतीय बाजार में नए सिरे से पेश करने के बारे में सोच रही है। मैगी के नमूनों की प्रयोगशालाओं में जांच करवाने में दो महीने लग सकते हैं।
सामने आया मंत्रालयों के बीच सामंजस्य का अभाव
जानकारों का मानना है कि नेस्ले के इस उत्पाद के मुद्दे पर सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच संवादहीनता व सामंजस्य का अभाव सामने आ गया है। ऐसी संवादहीनता विदेशी निवेशकों के बीच भारत की खराब छवि पेश कर सकती है। अभी तक उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय नेस्ले के खिलाफ 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का मामला दायर करने की तैयारी कर रहा था। उसका कहना है कि नेस्ले ने मैगी को लेकर सही जानकारी नहीं दी है। हाई कोर्ट के फैसले का खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने स्वागत किया है।