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याकूब की दया याचिका अर्जी पर राज्यपाल ने किया विचार-विमर्श

1993 के मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की दया याचिका पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने शीर्ष अफसरों से विचार-विमर्श किया। मेमन को 30 जुलाई को फांसी होनी है। सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद मेमन ने राज्यपाल को अपनी दया याचिका भेजी थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2015 02:58 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2015 03:01 AM (IST)
याकूब की दया याचिका अर्जी पर राज्यपाल ने किया विचार-विमर्श

मुंबई। 1993 के मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की दया याचिका पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने शीर्ष अफसरों से विचार-विमर्श किया। मेमन को 30 जुलाई को फांसी होनी है। सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद मेमन ने राज्यपाल को अपनी दया याचिका भेजी थी। इस पर महाराष्ट्र सरकार की भाजपा सरकार ने शुक्रवार रात को अपनी राय राज्यपाल को भेज दी। राज्यपाल ने शनिवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी, विधि और न्याय विभाग के अधिकारियों के साथ ही राज्य के कार्यवाहक महाधिवक्ता एडवोकेट जनरल अनिल सिंह को बुलाया था।

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मीटिंग में क्या फैसला लिया गया, इसकी कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन राज्य सरकार ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि याकूब की दया याचिका को लेकर सरकार का रुख सकारात्मक नहीं है। याकूब को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। आगामी 30 जुलाई को नागपुर जेल में उसे फांसी दी जानी है।

सूत्रों के अनुसार याकूब की फांसी टलने की संभावना बहुत ही कम है।

फांसी टलने की संभावना कम

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब तक अदालत नहीं कहती, याकूब की फांसी टालने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मुद्दे पर 29 जुलाई को बयान देंगे। इस बीच, मेमन ने डेथ वारंट को भी चुनौती दी है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी।


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