एमआईएम के विरोध से वैकल्पिक हुआ योग दिवस
महाराष्ट्र के स्कूलों में 21 जून को योग दिवस मनाने को लेकर एमआईएम ने कड़ा विरोध जताया है। उसके विरोध के बाद राज्य सरकार ने स्कूलों में योग दिवस मनाना अनिवार्य नहीं, बल्कि वैकल्पिक कर दिया है।
मुंबई [राज्य ब्यूरो]। महाराष्ट्र के स्कूलों में 21 जून को योग दिवस मनाने को लेकर एमआईएम ने कड़ा विरोध जताया है। उसके विरोध के बाद राज्य सरकार ने स्कूलों में योग दिवस मनाना अनिवार्य नहीं, बल्कि वैकल्पिक कर दिया है।
महाराष्ट्र में तेजी से उभर रहे राजनीतिक दल ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) ने 21 जून को राज्य के सभी विद्यालयों में योग दिवस मनाने के राज्य सरकार के फरमान का विरोध किया है। उसके विधायक वारिस पठान ने एक बयान में कहा है कि योग दिवस के दिन छात्रों को सूर्य नमस्कार करने को कहा जाएगा। इस्लाम में नमाज करते हुए सिर्फ अल्लाह के सामने झुका जाता है। अल्लाह के सिवाय किसी और समक्ष झुककर नमस्कार करना इस्लाम सम्मत नहीं है। इसलिए योग दिवस मनाने की अनिवार्यता का एमआईएम विरोध करती है।
वारिस पठान के अनुसार देश के संविधान में सभी को अपने-अपने धर्म का पालन करने की छूट दी है। चूंकि सूर्यनमस्कार इस्लाम के अनुकूल नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे मनाना अनिवार्य करने के बजाय वैकल्पिक करना चाहिए। एमआईएम के अलावा मुंबई की शिक्षण संस्था जमात-ए-इस्लाम हिंद ने भी योग दिवस पर सूर्य नमस्कार करवाने के प्रति विरोध जताया है। इस्लामी संस्थाओं की ओर से हो रहे इस विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूलों में योग दिवस मनाने का निर्णय वैकल्पिक कर दिया है।
राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने कहा है कि एमआईएम जैसे राजनीतिक दल योग दिवस को लेकर राजनीति करते दिख रहे हैं। योग दिवस मनाने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया गया है। इसके पीछे किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य कतई नहीं है। योग में सूर्य नमस्कार के अलावा भी बहुत से आसन हैं। तावड़े के अनुसार योग दिवस मनाना किसी भी शिक्षण संस्था में अनिवार्य नहीं किया गया है। जो विद्यालय योग दिवस मनाना चाहें वो मनाएं, जो नहीं मनाना चाहते न मनाएं।