केलकर समिति की सिफारिशों को आंशिक रूप से स्वीकार करेगी सरकार
राज्य के असंतुलित विकास को लेकर गठित विजय केलकर समिति की सिफारिशों को सरकार ने आंशिक रूप से स्वीकार करने का फैसला किया है। समिति की सिफारिशों को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस साल दिसंबर के अंत में अपनी रिपोर्ट देगी। वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने गुरुवार को कहा कि केलकर
मुंबई। राज्य के असंतुलित विकास को लेकर गठित विजय केलकर समिति की सिफारिशों को सरकार ने आंशिक रूप से स्वीकार करने का फैसला किया है। समिति की सिफारिशों को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस साल दिसंबर के अंत में अपनी रिपोर्ट देगी। वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने गुरुवार को कहा कि केलकर समिति की जो सिफारिशें अच्छी होंगी केवल उसे ही स्वीकार किया जाएगा।
मुनगंटीवार पिछले दो दिनों से विधानमंडल के दोनों सदनों में समिति की सिफारिशों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उल्लेखनीय है कि मुनगंटीवार मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष हैं। समझा जा रहा है कि उपसमिति की रिपोर्ट को विधानमंडल के नागपुर सत्र में पेश किया जाएगा।
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उन्होंने विश्वास जताया कि केलकर समिति राज्य के असंतुलित विकास के लिए गठित अंतिम समिति साबित होगी। इसके बाद असंतुलित विकास पर कोई समिति नहीं बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि केलकर समिति पर विधायकों के विचारों को ध्यान में रखा जाएगा। इसके पहले केलकर समिति की रिपोर्ट पर हुई चर्चा के दौरान सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना के सदस्यों ने इसे खारिज किए जाने की मांग की थी।
वित्तमंत्री ने बताया कि 17 जनवरी 215 को गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने ३० विभागों से उनकी राय मंगाई थी। इनमें से १६ विभागों की राय मिल गई है और १४ विभागों का मिलना बाकी है। उपसमिति की रिपोर्ट को लेकर सभी विधायकों के समक्ष प्रजेंटेशन दिया जाएगा और उनकी राय भी जानी जाएगी। उपसमिति की बैठकों में सदस्यों को बुलाया जाएगा, लेकिन अनुशेष पर अब कोई समिति नहीं बनेगी।