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भाजपा विधायक दल की बैठक टली, सरकार गठन पर फैसला दिवाली बाद

नई दिल्ली/ मुंबई/ नागपुर। महाराष्ट्र में सरकार गठन का फैसला दिवाली के बाद ही होगा। केंद्रीय गृह मंत्

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 03:16 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 03:06 AM (IST)
भाजपा विधायक दल की बैठक टली, सरकार गठन पर फैसला दिवाली बाद

नई दिल्ली/ मुंबई/ नागपुर। महाराष्ट्र में सरकार गठन का फैसला दिवाली के बाद ही होगा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा महासचिव जगतप्रकाश नड्डा ने महाराष्ट्र का दौरा दीपावली तक टाल दिया है। लिहाजा मंगलवार को प्रस्तावित प्रदेश भाजपा विधायक दल की बैठक भी स्थगित हो गई है। भाजपा आलाकमान के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के भी दिल्ली जाने के आसार हैं।

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हालांकि वे अपने दो प्रतिनिधियों अनिल देसाई और सुभाष देसाई को दिल्ली भेज चुके हैं। उधर, दिल्ली में राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं दिवाली के बाद ही मुंबई जाऊंगा। कहीं कोई पेंच नहीं फंसा है।' वहीं मंगलवार को नागपुर में पार्टी के 40 नवनिर्वाचित विधायकों ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को सीएम बनाने की मांग की। हालांकि गडकरी ने फिर बयान दिया कि मैं दिल्ली में ही खुश हूं। गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। शिवसेना से बातचीत जारी है। इधर भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत सरकार गठन की प्रक्रिया को फिलहाल टाल दिया है।

भाजपा के पर्यवेक्षक द्वय राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा ने मंगलवार का अपना मुंबई दौरा टाल दिया। लिहाजा मंगलवार को होने वाली विधायक दल की बैठक भी टाल दी गई। अब वे दिवाली के बाद ही मुंबई जाएंगे। जानकारी के मुताबिक 24 या 25 अक्टूबर को नए मुख्यमंत्री का नाम तय हो सकता है। यानी राज्य में नई सरकार का गठन भी दिवाली बाद ही होगा। भाजपा का छोटे दलों व निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधना भी इसी रणनीति का भाग है। भाजपा छोटे दलाें व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने के विकल्प पर माथापच्ची कर रही है।

अकेले सरकार बनाने की नीति पर भी विचार

शिवसेना पर दवाब बनाए रखने के लिए भाजपा इस विकल्प पर भी विचार कर रही है कि वह राज्य में अकेले ही सरकार बना ले। इसके लिए भाजपा को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ तालमेल बिठाना पड़ेगा।

कैसे होगा संभव

भाजपा का राकांपा से संपर्क बना हुआ है और इस विकल्प पर भी विचार चल रहा है कि भाजपा अकेले की सरकार बना ले। और विधानसभा में बहुमत सिद्ध करते समय राष्ट्रवादी कांग्रेस मत विभाजन से पूर्व ही सदन से वाकआउट कर जाए। इसके बाद भाजपा को विश्वास मत प्राप्त करने में कठिनाई नहीं होगी। इसके अलावा निर्दलीय 11 विधायक या तो पार्टी में शामिल हो सकते हैं अथवा एक ग्रुप बनाकर भाजपा को समर्थन करने की घोषणा कर सकते हैं।


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