सरकार ने वापस लिया आदेश
मुंबई। राज्य सरकार में उद्योग मंत्री नारायण राणे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सरकार ने नाशिक के एक स्कूल को तोड़ने पर रोक के संबंध में राणे की ओर से 22 जून 2007 को दिए गए आदेश को वापस ले लिया है। इस संबंध में सरकार की ओर से पेश किए गए दस्तावेज में राणे के निर्णय को उनके क्षेत्राधिकार से बाहर बताया गया है। हाल में राणे ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था लेकिन इसे अब तक स्वीकार नहीं किया गया है।
न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति ए.चांदुरकर की खंडपीठ के समक्ष सरकारी वकील ने कहा कि सरकार ने 2007 में राजस्व मंत्री की हैसियत से जो निर्णय लिया था उसे वापस ले लिया गया है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता किरण जाधव की ओर से दायर की गई जनहित याचिका को समाप्त कर दिया है।
स्कूल पर तीन माह तक कार्रवाई नहीं करने के आदेश
खंडपीठ ने विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्कूल के खिलाफ तीन महीने तक किसी प्रकार की कार्रवाई करने से मना किया है। साथ ही स्कूल को कानूनी विकल्प अपनाने की छूट दी है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि 28 जुलाई 2006 में राजस्व विभाग के उपसचिव ने फ्राउजी स्कूल को तोडऩे का आदेश दिया था। उपसचिव ने अपने आदेश में स्कूल के निर्माण को अवैध बताया था। साथ ही सरकार को इस मामले को लेकर कैवियट दायर करने का भी सुझाव दिया था। सचिव ने अपने आदेश में स्पष्ट किया गया था कि यह स्कूल बिना अनुमति के गंगापुर डैम से कुछ दूरी पर बनाया गया है।
इससे वहां पढ़नेवाले बच्चों व डैम को खतरा हो सकता है। जून 2007 को राणे ने मंत्री के रुप में सचिव के आदेश पर रोक लगा दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार मंत्री के इस आदेश को कैसे न्यायसंगत ठहरा सकती है। इस तरह मामले को लेकर कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सरकार ने राणे के आदेश को वापस ले लिया है।