विधायक केसरकर ने राकांपा छोड़ी, थामेंगे शिवसेना का दामन
मुंबई। कोंकण के सावंतवाड़ी के विधायक दीपक केसरकर ने राकांपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रविवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे से मुलाकात कर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। केसरकर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अगले आठ दिनों में वे विधायक पद से भी इस्तीफा दे देंगे और शिवसेना में शामिल होंगे। इस मौके पर उन्होंने उद्योगमंत्री नारायण राणे के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया। कहा कि राणे के खिलाफ उनकी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उनकी प्रवृत्तिसे है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा का गठबंधन होगा और यदि राकांपा में रहा तो राणे के प्रचार के लिए मुझे मजबूर होना पड़ेगा।
प्रचार करने से किया था इनकार
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के बावजूद केसरकर ने राणे के बेटे निलेश का प्रचार करने से इनकार कर दिया था। लिहाजा केसरकर को हांसिए पर डाल दिया गया था।
राणे की प्रवृत्तिनागवार
केसरकर ने रविवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। उसके बाद दादर में पत्रकारों से बातचीत में केसरकर ने राकांपा छोडऩे की घोषणा की। केसरकर के मुताबिक भले ही उनका विधायक पद चला जाए, सिंधदुर्ग में राणे एकाधिकार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। उनकी लड़ाई राणे से व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उनकी प्रवृत्तिसे है।
पराजय के बाद भी नहीं सुधरे
लोकसभा चुनाव में बेटे की पराजय के बाद भी राणे के आचरण में सुधार नहीं हुआ है। विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और राकांपा का गठबंधन होगा और राणे के प्रचार के लिए मुझे मजबूर होना पड़ेगा। जो पार्टी राणे को रोक नहीं सकती तो उसमें रहकर फायदा क्या है।
राणे से राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा: केसरकर
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से किनारा कर शिवसेना में शामिल होने वाले सावंतवाडी के विधायक दीपक केसरकर का कहना है कि वे नारायण राणे के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष जारी रखेंगे। इसी के चलते वे राकांपा छोड़ रहे हैं। केसरकर का कहना है कि विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और राकांपा का गठबंधन होगा। और ऐसे में मजबूरन उन्हें राणे का प्रचार करना पड़ेगा। केसरकर विधायक पद से इस्तीफा देकर शिवसेना में प्रवेश करेंगे। सावंतवाडी विधानसभा सीट के लिए राकांपा उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दे।
आपराधिक पृष्ठभूमि वालों से भाजपा-शिवसेना नहीं बढ़ाएगी नजदीकी
केसरकर ने कहा कि वे शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम करेंगे। मुझे उम्मीद है शिवसेना-भाजपा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले राणे को कभी नजदीक नहीं करेगी। केसरकर ने कहा कि वे अपनी मर्जी से राकांपा छोड़ रहे हैं। राकांपा नेतृत्व से उन्हें कोई नाराजगी नहीं हैं। परंतु पार्टी के कुछ स्वघोषित नेता गलतफहमियां निर्माण कर रहे हैं।
भिसे, सावंत व बबन नहीं छोड़ेंगे राकांपा
केसरकर ने गुरुपूर्णिमा के दिन कोंकण के मांडखोल में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था जिसमें कार्यकर्ताओं ने शिवसेना में शामिल होने का अनुरोध किया था। उनके समर्थक शिवसेना में शामिल होंगे। लेकिन एक पक्ष पद की मजबूरियों के चलते राकांपा छोड़ने पर सहमत नहीं है। इनमें राकांपा पूर्व जिलाध्यक्ष बाला भिसे, पूर्व विधायकपुष्पसेन सावंत व बबन सालगांवकर आदि शामिल हैं।