हुल्लड़ मुरादाबादी पंचतत्व में विलीन
जागरण संवाददाता, मुंबई। हास्य कवि हुल्लड़ मुरादाबादी रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। दो साल की लंबी बीमारी के बाद शनिवार को मुंबई में उनका निधन हो गया था।
अपनी चुटीली कविताओं के जरिये करीब चार दशक तक देश के काव्यमंच पर छाए रहे हुल्लड़ मुरादाबादी के पार्थिव शरीर को उनके पुत्र नवनीत हुल्लड़ ने मुखाग्नि दी। नवनीत भी अच्छे कवि हैं और अपनी हास्य कविताओं के जरिये अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
शनिवार शाम उनके निधन के बाद मुंबई के अनेक साहित्यप्रेमियों ने घर जाकर उनके पार्थिव शरीर के दर्शन किए और अंतिम संस्कार के समय भी कई साहित्यकार व साहित्यप्रेमी मौजूद रहे। 29 मई 1942 को पाकिस्तान के गुजरांवाला में जन्मे हुल्लड़ मुरादाबादी का वास्तविक नाम सुशील कुमार चड्ढा था। हुल्लड़ ने हास्य-व्यंग्य सहित कई विधाओं में करीब आठ पुस्तकें लिखीं। उन्हें कई सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है।