देशभर में घटी, मध्य प्रदेश में ब़ढती जा रही बेरोजगारी
देशभर के कई राज्यों में जहां पिछले चार सालों में बेरोजगारी का प्रतिशत कम हुआ, वहीं मध्यप्रदेश उन राज्यों में शुमार है, जहां बेरोजगारी लगातार ब़ढती जा रही है।
भोपाल, ब्यूरो। देशभर के कई राज्यों में जहां पिछले चार सालों में बेरोजगारी का प्रतिशत कम हुआ, वहीं मध्यप्रदेश उन राज्यों में शुमार है, जहां बेरोजगारी लगातार ब़ढती जा रही है। यह खुलासा श्रम और रोजगार मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ, जो संसद में पेश की गई। पिछले तीन साल की अवधि के विभिन्न राज्यों में कराए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि मप्र में बेरोजगारी ब़ढने के साथ केंद्रीय योजनाओं का भी बुरा हाल है। प्रधानमंत्री रोजगार सृृजन कार्यक्रम की बात करें तो पिछले तीन सालों में मप्र को दो अरब दो करा़ेड 93 लाख रुपए के फंडिंग के बाद भी रोजगार सिर्फ 43 हजार 713 लोगों को ही मिला।
तीन प्रतिशत रही इस साल
वर्ष 2015-16 में हुए वाषिर्षक सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश में बेराजगारी का प्रतिशत 3 रहा, जबकि वर्ष 2014--15 में 2.3 था। मतलब साफ है कि एक साल में बेरोजगारी कम करने में सरकार असफल रही, जबकि इसी दौरान बिहार, दिल्ली, छत्तीसग़$ढ, गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की दर घटी है।
तीन साल में 43 हजार को रोजगार
मप्र में तीन सालों में 43 हजार 713 लोगों को रोजगार मिला। हालांकि रोजगार मिलने वाले युवाओं की संख्या भी पिछले सालों से कम हुई। वर्ष 2014--15 में ये 21 हजार से ज्यादा थी, तो वर्ष 2016--17 में अब तक सिर्फ 5 हजार 320 युवाओं को नौकरी मिल पाई।
सिर्फ प्रशिक्षण में आगे प्रदेश
रिपोर्ट बताती है कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कौशल प्रशिक्षण तो खूब दिया गया, पर उसका लाभ जमीन पर नहीं दिखा। पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री रोजगार सृृजन कार्यक्रम में प्रशिक्षण के नाम पर एक लाख 40 हजार 482 युवाओं को ट्रेंड किया गया, लेकिन रोजगार के अवसर आधे को भी नहीं मिले।
प्रधानमंत्री रोजगार सृृजन कार्यक्रम के तहत युवाओं को मिला रोजगार
वर्ष----------रोजगार मिला
2014--15----------21896
2015--16----------16497
2016--17----------5320
[ आक़डें श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार ]
मप्र में बेरोजगारी
वर्ष ---------- प्रतिशत
2011--12---------- 2.1
2012--13---------- 1.8
2013--14---------- 2.3
2015--16----------3.0 ।