दो से चार लाख में बिक रहे कछुए
मध्य प्रदेश के बालाघाट में इन दिनों कछुओं की तस्करी जमकर हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि धन प्राप्ति के लिए कछुओं की तंत्र साधना की जाती है। इसी कारण कछुओं की मांग बढ़ गई है। एक हजार से 12 सौ रुपये में बिकने वाले कछुए इन दिनों दो से चार लाख रुपये में बिक रहे हैं।
नई दुनिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट में इन दिनों कछुओं की तस्करी जमकर हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि धन प्राप्ति के लिए कछुओं की तंत्र साधना की जाती है। इसी कारण कछुओं की मांग बढ़ गई है। एक हजार से 12 सौ रुपये में बिकने वाले कछुए इन दिनों दो से चार लाख रुपये में बिक रहे हैं। यह खुलासा शुक्रवार को सहायक वन संरक्षक कान्हा नेशनल पार्क सुधीर मिश्र की टीम के हाथ आए दो तस्करों ने किया है। पुलिस के हाथ आए दोनों तस्कर रिश्ते में साढू हैं। इनके तार मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के साथ पश्चिम बंगाल व ओडिशा के खरीदारों से जुड़े हैं।
कछुए का वजन तय करता है कीमत
सहायक वन संरक्षक कान्हा सुधीर मिश्र को तस्करों ने बताया कि तांत्रिक 20 व 18 नख वाले कछुए के माध्यम से तंत्र साधना कर नोटों की बारिश का दावा करते हैं। इनका वजन 250 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। 12 नख हो तो ढाई किग्रा का वजन होना चाहिए। आठ नख का हो तो वजन साढ़े चार किग्रा होना चाहिए। कम वजन के कछुओं को तो लोग तंत्र-मंत्र के लिए घरों में भी पालते हैं।
नरम परत देर तक करते हैं नोटों की बारिश
तांत्रिकों का दावा है कि नरम परत वाले कछुओं के अधिक फूलने के कारण काफी देर तक नोटों की बारिश होती है। कछुओं की कीमत नरम व कड़ी परत देखकर तय होती है। कछुओं से धनवान बनने के लालच में खरीदार इसकी मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हो जाते हैं।
इनका कहना है
बालाघाट में कछुओं की तस्करी और इससे नोटों की बारिश कराने की जानकारी हुई थी। इस पर मैं अपनी टीम के 12 सदस्यों में से एक को तांत्रिक बनाकर तस्करों के पास पहुंचा। दोनों ने पिछले साल एक कछुए से 14 करोड़ रुपये की झर्ती का दावा करते हुए कछुए के 10 लाख रुपये मांगे। बाद में दोनों ने सामने ही तंत्र विद्या कराने की बात कही। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया-सुधीर मिश्र, सहायक वन संरक्षक कान्हा नेशनल पार्क, मंडला।