Move to Jagran APP

चुनाव ल़डने की मशीन हो गए हैं राजनीतिक दल : सहस्रबुद्धे

'मौजूदा राजनीतिक दल चुनाव ल़डने की मशीन होकर रह गए हैं। लोकतंत्र को हमने चुनावी संघर्ष में बदल दिया जबकि इसका प्राण 'लोक' ही लापता हो गया।'

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 14 Nov 2016 03:50 AM (IST)Updated: Mon, 14 Nov 2016 04:02 AM (IST)
चुनाव ल़डने की मशीन हो गए हैं राजनीतिक दल : सहस्रबुद्धे

भोपाल, ब्यूरो। 'मौजूदा राजनीतिक दल चुनाव ल़डने की मशीन होकर रह गए हैं। लोकतंत्र को हमने चुनावी संघर्ष में बदल दिया जबकि इसका प्राण 'लोक' ही लापता हो गया।' ये कहना है भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मप्र प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे का। वे विधानसभा में आयोजित तीन दिनी लोकमंथन के दूसरे दिन रविवार को 'लोकतंत्र में लोक का स्थान और उसकी भूमिका सहकारिता व विकेंद्रीकरण का अनुभव' विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने चुनाव पद्धति और राजनीतिक दलों के संचालन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश में ब़डे नोट बंद होने पर कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश के परिवार केन्द्रित दलों पर तंज भी कसा। बोले कि 30 साल बाद दल का अध्यक्ष कौन होगा, यह अभी बता सकता हूं, यह दुर्गति है।
हम सब एक हैं का नारा बेमानी
डॉ सहस्रबुद्धे ने कहा कि राजनीतिक दलों में हम सब एक हैं का नारा तो खूब जोर-शोर से लगता है, लेकिन चुनाव के दौरान खेमेबाजी और कौन-किस जाति का है यह बात मुख्य हो जाती है। समूचे तंत्र पर नए सिरे से विचार की जरूरत है। जस्टिस वेंकटचलैया ने चुनाव व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ काम किया था, लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं आ पाई।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि वोट बटोरना और अपना काम साधना ही लक्ष्य रह गया है। विडंबना है कि आज कौन लोकप्रिय है? यह सवाल नहीं उठता बल्कि कौन न्यूनतम अलोकप्रिय है, यह जताने की हा़ेड लगी है। चर्चा में डॉ शंकर शरण, डॉ बृृजभूषण कुमार, अशोक भगत, प्रो.राकेश मिश्र ने भी भाग लिया। डॉ शीला राय ने संचालन किया।
लोकसेवा का एनजीओकरण
उन्होंने कहा कि राजनीति का चुनावीकरण, विकास का सरकारीकरण और लोकसेवा का एनजीओकरण हो गया है। देश में 1600 से अधिक राजनीतिक दल मौजूद हैं। इनमें से 50 ऐसे हैं जो गंभीरतापूर्वक काम कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जनादेश भी हासिल किया है। इनमें से 6-7 दल छा़ेड दें तो ज्यादातर परिवार केन्द्रित होकर रह गए हैं।

पढ़ें:अनफिट अधिकारी ने किया एनकाउंटर करने वाली टीम का नेतृत्व


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.