नहीं मानी जा रही मोदी के मन की बात
'क्यों न हम देश में विकलांग की जगह पर दिव्यांग शब्द का प्रयोग करें, ये वे लोग हैं जिनके पास एक ऐसा अंग है या एक से अधिक अंग हैं, जिनमें दिव्यता है।
भोपाल, अनूप दुबे। 'क्यों न हम देश में विकलांग की जगह पर दिव्यांग शब्द का प्रयोग करें, ये वे लोग हैं जिनके पास एक ऐसा अंग है या एक से अधिक अंग हैं, जिनमें दिव्यता है। मैं चाहता हूं कि आगे से सभी इसी शब्द का उपयोग करें .. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर 2015 में मन की बात में कुछ इसी अंदाज में विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द का उपयोग करने के निर्देश दिए थे। लेकिन करीब 11 महीने बाद भी रेलवे और एयर इंडिया जैसी सरकारी संस्थाएं दिव्यांग शब्द का उपयोग नहीं कर रही हैं। विमान,ट्रेन और बसों में आज भी विकलांग ही लिखा हुआ है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए जितने संवेदनशील दिखे, उतनी ही उदासीनता अधिकारियों में दिख रही है। इस बारे में जिम्मेदार अधिकारी अब एक सुर में कह रहे हैं कि हम आज ही इसे बदलवा देते हैं।
पहले भी नए नाम दिए गए
दिव्यांगों के लिए पहले भी कई नए नाम दिए जाते रहे हैं । बीच में इन्हें नि:शक्तजन कहा जाने लगा था, लेकिन चलन में नहीं आ पाया। इसका कारण भी यही रहा कि किसी ने न तो इसे गंभीरता से लिया और न ही कहीं कोई पहल हुई। पीएम मोदी के भाषषण के बाद लगा कि दिव्यांग शब्द को प्रचारित किए जाएगा, लेकिन इसे भी सिर्फ उसी दिन का कार्यक्रम बनाकर भुला दिया गया।
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इनका कहनाहमें इसकी जानकारी नहीं थी। हम ऐसे लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हैं। हम जल्द ही इसे बदलवाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे- विश्रुत आचार्य, रीजनल मैनेजर, एमपी—सीजी एयर इंडिया।
आपने बताया हैं, हम इसे तत्काल ठीक करवाते हैं। दिव्यांग की लिखा जाना चाहिए- सुरेंद्र यादव, सीपीआरओ, डब्ल्यूसीआर।
पीएम ने कहा है, तो इसका ही उपयोग होना चाहिए। अब से दिव्यांग शब्द ही उपयोग किया जाएगा- चंद्रमौली शुक्ला, सीओ, बीसीएलएल।