पटेल अपनों से आहत, पद से दिया इस्तीफा
भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के तेज-तर्रार नेता प्रहलाद पटेल अपने ही दल के एक मंत्री की कथित तौर पर रची गई साजिश से इतने आहत हैं कि उन्होंने सड़क पर उतरने का मन बना ही लिया है। साथ ही भारतीय असंगठित मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने हालांकि उनका इस्तीफा वापस कर दिया है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों नरसिंहपुर जिले में कांग्रेस नेता मनोज चौकसे व उनके मित्र बलराम राजपूत की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पटेल के भाई जालम सिंह पटेल, भतीजे मोनू पटेल तथा दो अन्य को संदिग्ध आरोपी बनाया है। इस कार्रवाई से पटेल आहत हैं। उनका आरोप है कि उनके परिवार को साजिशन फंसाया जा रहा है।
नरसिंहपुर के दोहरे हत्याकांड को कांग्रेस ने गुरुवार को विधानसभा में उठाया था और राज्य के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता पर हत्यारों को सरंक्षण देने का आरोप लगाया था। गृह मंत्री द्वारा विधानसभा में दिए गए आश्वासन के बाद नरसिंहपुर पुलिस ने हत्या में संदेह के आधार पर गुरुवार की रात प्रहलाद पटेल के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। मामला दर्ज होने के बाद शुक्रवार को पटेल ने इस कार्रवाई पर खुलकर अपनी नाराजगी जताई।
नरसिंहपुर में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले उनके भतीजे मोनू पटेल के खिलाफ अपहरण का झूठा मामला दर्ज किया गया और अब हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। उन्होंने नरसिंहपुर पुलिस पर भी जमकर आरोप लगाए। पटेल की मांग है कि अपहरण मामले की जांच अपराध अन्वेषण विभाग से कराई जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि जांच का आदेश नहीं दिया गया तो वह तीन अप्रैल से आंदोलन करेंगे।
इससे पहले पटेल ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को भी एक पत्र लिखा है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि जिले के प्रभारी मंत्री के इशारे पर उनके भतीजे के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया। यह साजिश उन्हें नीचा दिखाने के लिए रची गई है। पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने गुरुवार रात भारतीय असंगठित मजूदर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा नितिन गडकरी को भेजा था जिसे गडगरी ने वापस कर दिया है।
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