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व्यापमं पर कैबिनेट में मतभेद

व्यापमं घोटाले में सरकार का पक्ष जनता के बीच रखे जाने को लेकर मंत्रियों के बीच भी मतभेद हैं। मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सरकार की छवि खराब होने की बात रखते हुए सुझाव दिया कि हमें जनता के बीच

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2015 02:02 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2015 02:05 AM (IST)

भोपाल [ब्यूरो]। व्यापमं घोटाले में सरकार का पक्ष जनता के बीच रखे जाने को लेकर मंत्रियों के बीच भी मतभेद हैं। मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सरकार की छवि खराब होने की बात रखते हुए सुझाव दिया कि हमें जनता के बीच जाकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने 12 बिंदुओं का एक नोट भी सभी को बांटा, पर ग्रामीण पंचायत एवं विकास मंत्री गोपाल भार्गव इससे सहमत नहीं थे। वह बोले-व्यापमं मामले को जो गुबार आया था, अब चला गया। ऐसे में हम अपनी ओर से जाकर जनता में क्यों सफाई दें? ऐसा करने से यह मामला और बढ़ेगा।

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वित्त मंत्री जयंत मलैया ने भी सहमति जताई और कहा कि हमें व्यापमं मामले में अब कुछ बोलने की जरूरत नहीं हैं। आज भी ग्रामीण क्षेत्र में व्यापमं के बारे में कोई कुछ नहीं जानता है। हमारे दमोह के लोगों को पता ही नहीं कि व्यापमं मामला क्या है। ऐसे में यदि हम सफाई देंगे तो यह मामला दबने की बजाए बढ़ेगा। व्यापमं मामले में मंत्रियों में मतभेद बढ़ता देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हस्तक्षेप किया।

उन्होंने कहा कि मंत्री गुप्ता इस मामले का पूरा नोट तैयार करके लाएं हैं। इसे सभी मंत्री अच्छे से पढ़ लें। विपक्ष, मीडिया या अन्य कहीं व्यापमं पर कोई बात करेगा तो उसका जवाब देने में आसानी होगी। इस पर मंत्री गुप्ता ने 4 पेज में 12 बिंदुओं पर तैयार आरोप और उसके जवाब पढ़कर मंत्रियों को सुनाए। इसका एक-एक फोल्डर सभी मंत्रियों को भी बांटा गया। इससे पहले मंत्री गुप्ता ने पूरी कैबिनेट को व्यापमं के नए सेटअप को लेकर प्रजेंटेशन भी दिया, जिस पर कई मंत्रियों ने अपने सुझाव भी दिए।

मंत्री जी छाए हुए हो!

कैबिनेट में तब स्थिति बड़ी असहज हो गई, जब खाद्य मंत्री विजय शाह ने मंत्री गुप्ता से कहा कि मंत्री जी व्यापमं मामले में छाए हुए हो। शाह के इतना बोलते ही मंत्री गुप्ता के चेहरे के भाव बदल गए, वहीं कैबिनेट में मौजूद अन्य मंत्री एक-दूसरे की ओर देखने लगे। इसी बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह ने शाह से कहा कि आप वरिष्ठ मंत्री हैं, आपको इस तरह की बात नहीं करना चाहिए। आपको पता है कि कैबिनेट की हर बात बाहर मीडिया तक जाती है।

वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि शाह ने यह बात मजाक में कही है उसका गलत अर्थ न निकाला जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को बात करते समय संयम बरतना चाहिए। इस बात का भी ध्यान भी रखा जाए कि हमारे द्वारा किए गए हास्य से किसी को दुख तो नहीं पहुंच रहा।

आंगनबाड़ी के दूध से होटलों में बनेगी चाय

आंगनबाड़ी में बच्चों को फ्लेवर्ड दूध बांटने का प्रस्ताव आने पर वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि आंगनबाड़ी के क्रियाकलापों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस दूध से होटलों में चाय बनेगी। इस पर मुख्यसचिव अंटोनी जेसी डिसा ने कहा कि यह दूध पाउडर साधारण नहीं बल्कि फ्लेवर्ड मीठा दूध है, इसकी चाय अलग समझ में आ जाएगी। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि दूध पाउडर के एक किलो के पैकेट से 100 बच्चों के लिए दूध तैयार होगा, जबकि एक आंगनबाड़ी में 25 से 30 बच्चे ही रहते हैं। इस पर पंचायत विभाग की अपर मुख्य सचिव अणा शर्मा बोली कि पाउडर को दो तीन दिन रखा जा सकता है। यह खराब नहीं होगा।

मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि पाउडर के पैकेट छोटे कर दिए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि इससे खर्च बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे सुरक्षित रखने के लिए आंगनबाड़ी को एयर प्रूफ कंटेनर भी दिए जा सकते हैं।

खाद्य मंत्री विजय शाह ने कहा कि दूध पाउडर के पैकेट पर सांची की तरह विज्ञापन छापे जाएं, जिससे थोड़ा खर्च निकल आएगा, वहीं सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार भी होगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पाउडर केवल आंगनबाड़ी में जाना है, इसे बाहर नहीं बेचा जाएगा, इसलिए विज्ञापन का कोई मतलब नहीं है।


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