व्यापमं घोटाले में दिग्विजय की एक्सलशीट निकली झूठी
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा शपथ पत्र के साथ व्यापमं घोटाले की 6 दिसंबर 2014 को एसआईटी को सौंपी गई एक्सलशीट झूठी निकली। गांधी नगर फॉरेंसिक लैब से एसआईटी द्वारा मंगवाई गई नितिन महिंद्रा के हार्डडिस्क की लिफाफा बंद रिपोर्ट आने के बाद यह खुलासा हुआ।
भोपाल [अभिषेक दुबे]। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा शपथ पत्र के साथ व्यापमं घोटाले की 6 दिसंबर 2014 को एसआईटी को सौंपी गई एक्सलशीट झूठी निकली। गांधी नगर फॉरेंसिक लैब से एसआईटी द्वारा मंगवाई गई नितिन महिंद्रा के हार्डडिस्क की लिफाफा बंद रिपोर्ट आने के बाद यह खुलासा हुआ। लैब से भेजी गई पांच हार्डडिस्कों की अलग-अलग रिपोर्ट से दिग्विजय सिंह द्वारा सौंपी गई एक्सलशीट का मिलान नहीं हुआ। इससे दिग्विजय सिंह द्वारा दी गई एक्सलशीट झूठी साबित हुई। एसआईटी ने इस मामले में अपनी बंद लिफाफा रिपोर्ट गुरुवार को हाई कोर्ट को सौंप दी है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
जबलपुर हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल को मिस्टर एक्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक पेन ड्राइव और ट्रुथ लैब [जो दिग्विजय सिंह की ओर से दी गई थी] की रिपोर्ट एसआईटी को जांच के लिए दी थी। हाईकोर्ट ने इसकी जांच कर 23 अप्रैल तक एसआईटी से रिपोर्ट मांगी थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की ओर से दी गई एक्सल शीट में टेम्परिंग हुई है। हालांकि टेम्परिंग किसने की है इस बात का निष्कर्ष एसआईटी भी नहीं निकाल सकी है।
एसटीएफ ने नहीं दी रिपोर्ट
हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में एसटीएफ को अब तक की एसआईटी की अनुंशसाओं पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन अनुशंसा पर कार्रवाई नहीं की है उनमें पर कब तक कार्रवाई होगी इसका विवरण भी एसटीएफ दे। लेकिन एसटीएफ ने एसआईटी को कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं दी है।
मैं नार्काे टेस्ट को तैयार : प्रशांत
एक्सलशीट झूठी निकलने को लेकर आईटी एक्सपर्ट प्रशांत पांडे का कहना है कि एसटीएफ ने जिन एक्सेल शीट की जांच की थी उनमें टेम्परिंग हुई थी। मैं नार्काे टेस्ट कराने के लिए भी तैयार हूं। मेरे साथ इंदौर के उन अधिकारियों का भी नार्काे टेस्ट होना चाहिए, जिन्होंने मामले की शुरआती जांच की थी।
दिग्विजय ने शपथ पत्र में लगाए थे ये आरोप
-उम्मीदवारों के सामने रिफरेंस के तौर पर लिखे सीएम को हटाकर उमा भारती, गवर्नर लिखा।
-प्राइवेट संस्था ट्रुथ लैब ने टेम्परिंग की पुष्टि की ।
-इंदौर क्राइम ब्रांच ने 18 जुलाई 2013 को महिन्द्रा से जब्त हार्डडिस्क में की टेम्परिंग।
एसआईटी ने बंद लिफाफा रिपोर्ट में ये बताया
-एसटीएफ के पास मौजूद एक्सेल शीट में किसी प्रकार की टेम्परिंग के सबूत नहीं मिले।
-प्राइवेट संस्था की रिपोर्ट पर नहीं किया जा सकता भरोसा
-महिन्द्रा से एक से ज्यादा हार्डडिस्क जब्त हुई। सभी में एक जैसी एक्सेल शीट मिली। टेम्परिंग की संभावना एक हार्डडिस्क में हो सकती थी संभव।