सरकारी नौकरी कर रहे भ्रष्ट सजायाफ्ता
भोपाल [हरीश दिवेकर]। मप्र में विभिन्न सरकारी विभागों में कई अफसर सहित 102 लोग ऐसे हैं जिन्हें न्याया
भोपाल [हरीश दिवेकर]। मप्र में विभिन्न सरकारी विभागों में कई अफसर सहित 102 लोग ऐसे हैं जिन्हें न्यायालय से भ्रष्टाचार सहित अन्य मामलों में सजा हो चुकी है, लेकिन वे जमानत लेकर नौकरी कर रहे हैं। इसका खुलासा लोकायुक्त पीपी नावलेकर द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में हुआ है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि प्रदेश के आला अफसर उनके जीरो टालरेंस की मंशा के खिलाफ काम कर रहे हैं। लोकायुक्त ने अपने पत्र के साथ 400 ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की सूची भी सौंपी है, जिनके खिलाफ अभियोजन की अनुमति लंबित है या चालान दाखिल हो जाने के बाद भी उन्हें निलंबित नहीं किया गया है।
मुख्यसचिव एंटोनी डिसा ने गुरुवार को सभी विभागों के आला अफसरों को तलब कर उनसे वन-टू-वन चर्चा कर विभाग में लंबित भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों की स्थिति पूछी।
कुछ अफसरों ने बताया कि उन्होंने सजायाफ्ता अधिकारी-कर्मचारी को बर्खास्त करने के लिए लोक सेवा आयोग को मामले भेजे हैं, वहां से अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया है। वहीं कुछ अफसरों ने कहा कि कार्रवाई चल रही है। एक-दो दिन में बर्खास्त कर देंगे। चालान प्रस्तुत होने पर निलंबन न किए जाने के मामलों में अधिकांश अफसरों ने बोला हमने निलंबित कर दिया है।
नाराज हुए सीएस-कई विभागों के प्रमुख सचिवों के गोल-मोल जवाब पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चालान पेश होने के बाद यदि आपने निलंबित कर दिया है तो लोकायुक्त ने कैसे पत्र में लिखा।
उन्होंने सभी आला अफसरों से कहा कि मुझे दो दिन में एक-एक प्रकरण की पूरी डिटेल दें। मुख्य सचिव ने सभी प्रमुख सचिवों से कहा कि जिस भी स्तर पर इन मामलों में लापरवाही हुई है उन पर कार्रवाई की जाए।