विधानसभा में जालम सिंह को देख मची अफरा-तफरी
भोपाल [ब्यूरो]। विधानसभा में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी की स्थिति मच गई जब पुलिस रिकार्ड में दर्ज 30
भोपाल [ब्यूरो]। विधानसभा में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी की स्थिति मच गई जब पुलिस रिकार्ड में दर्ज 307 यानि जानलेवा हमले के आरोपी विधायक विधानसभा में पहुंच गए।
कुछ दिन पहले पुलिस गोटेगांव विधायक जालम सिंह पटेल को गनमेन के साथ फरार बता रही थी, उन्हें विधानसभा परिसर में सामने पाकर पुलिस अफसरों के होश उड़ गए। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान गोटेगांव में टिकट बंटवारे को लेकर खून-खराबा हुआ था, जिसमें पुलिस ने विधायक उनके भतीजे मोनू पटेल सहित कई लोगों को आरोपी बनाया था।
जालम सिंह से जब विधानसभा परिसर में मीडिया से उन पर दर्ज प्रकरण की जानकारी और पुलिस के रिकॉर्ड में फरार होने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि उनका बरसों से शंकराचार्य से विवाद चला आ रहा है। चुनाव के दौरान उनकी हत्या करने का षड्यंत्र रचा गया था। जिसमें 50-60 राउंड गोलियां चली। जालम सिंह ने कहा कि मैं निर्दोष हूं मुझे झूठा फंसाया गया है। मेरे मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल [एसआईटी] गठित की गई है। विधानसभा में आने के सवाल पर कहा कि मैं विधायक हूं तो सदन में आऊंगा ही।
दोहरे मापदंड
उधर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराधियों को लेकर पुलिस दोहरे मापदंड अपना रही है। विधायक गोविन्द सिंह ने कहा कि एक महीने पहले जालम सिंह पर जानलेवा हमला करने का प्रकरण धारा 307 के तहत दर्ज किया गया है, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है।मामला गंभीर है 307 का आरोपी खुले आम विधानसभा में आ रहा है। पुलिस को दिखाई नहीं दे रहा है। प्रदेश में अपराध चरम सीमा पर है। ऐसे कमजोर गृह मंत्री बाबूलाल गौर को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।