लाखों मरीजों को खिला दी अमानक दवाएं
भोपाल [ब्यूरो]। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बांटी जा रही तीन दवाएं अमानक मिली हैं। इनमें दवा की म
भोपाल [ब्यूरो]। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बांटी जा रही तीन दवाएं अमानक मिली हैं। इनमें दवा की मात्रा तय मापदंडों के मुताबिक नहीं पाई गई हैं। मप्र की खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला की रिपोर्ट में यह खुलासा है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इन दवा कपंनियों से 47 लाख रुपए वसूली का नोटिस दिया है। इन्हें पांच साल के लिए स्वास्थ्य विभाग में दवा सप्लाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन दवाओं की सप्लाई के लिए 2012-13 में दवा कंपनियों से अनुबंध किया गया था। सभी जगह सीएमएचओ और सिविल सर्जन के स्टोर में इन दवाओं की खरीदी की गई थी। अलग-अलग जगह से ड्रग इंस्पेक्टरों ने दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजा था। दो दिन पहले आई रिपोर्ट में तीन दवाएं अमानक मिली हैं। बता दें कि दो साल के भीतर सरकारी स्टोर और निजी मेडिकल स्टोर्स कि मिलाकर करीब 150 दवाएं अमानक निकल चुकी हैं।
दवा का नाम कंपनी वसूली की राशि
मल्टी विटामिन विलक्योर प्रा.लि. इंदौर 58,7180
सालबूटामॉल आईपी 4 एमजी एड्रायड फार्मास्यूटिकल नागपुर 11,75,000
मेट्रोनिडाजोल टैबलेट 200 एमजी ला. केमिको प्राइवेट लिमिटेड इंदौर 30,66,160
ये काम करती हैं दवाएं
मल्टी विटामिन-दूसरी दवाओं के साथ। पेट, सभी प्रकार के संक्रमण, घाव, दूसरे दवाओं के साइड इफेक्ट कम करने के लिए
सालबूटामॉल -सांस और दमा के मरीजों को
मेट्रोनिडाजोजल-पेट संबंधी तकलीफ में। पेचिस और डायरिया की शिकायत में फायदेमंद।
दवाएं बंटने के बाद आई रिपोर्ट
पिछले बार की तरह इस दफा भी मरीजों को अमानक दवाएं देकर उनकी सेहत से खिलवा़़ड की गई। सूत्रों ने बताया जिस बैच की दवाएं अमानक मिली हैं, वे करीब छह महीने पहले ही खप गई हैं। अब नए बैच की दवाएं आ चुकी हैं। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग दवा कंपनियों पर कार्रवाई भले ही कर रहा है, लेकिन जो अमानक दवाएं बंट चुकी हैं उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। इसके पहले भी प्रोवीडीन ऑइनमेंट और जिंक सल्फेट टैबलेट के अमानक होने की जांच रिपोर्ट दो साल बाद सामने आई थी।
डॉ. नवनीत मोहन कोठारी,
संचालक, औषषधि प्रकोष्ठ ने कहा कि यह रुटीन प्रक्रिया है। तीन दवाएं अमानक मिलने पर संबंधित कंपनियों को रिकवरी का नोटिस दिया गया है। उन्हें पांच साल के लिए ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया गया है।