भेल भोपाल में 60 लाख का घोटाला!
भोपाल। सीबीआई ने भेल भोपाल के चार अफसरों और दो कारोबारियों के 7 ठिकानों पर छापा मारकर 60 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा किया है। इन लोगों ने सांठगांठ व कम्प्यूटर में छेड़छाड़ कर भेल प्रबंधन को लाखों रुपये का चूना लगाया। छापे में साढ़े सात लाख रुपये नकद, 10 लाख के जेवर और प्रापर्टी का ब्योरा मिला है।
सीबीआई को भेल के विजिलेंस और विभिन्न सूत्रों से यह भनक लगी थी कि कंस्ट्रक्शन मटेरियल सप्लाय के मामले में फर्जी बिलिंग की जा रही है। इसके लिए मटेरियल सप्लायर और अधिकारियों ने सांठगांठ कर भेल के सर्वर में ही सेंध लगा ली। ये लोग बिलों में जमकर हेरा फेरी कर रहे थे। हजार का बिल लाख का बना दिया जाता था। यह फर्जीवाड़ा 2009 से चल रहा था, पिछले पांच साल में भेल को लाखों रुपये का चूना लगा दिया।
सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने सुबह एक साथ आठ ठिकानों पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। जिनके यहां छापा मारा गया उनमें भेल के डीजीएम वाय डी पवार, सीनियर मैनेजर नमन मुकुल आइंद, सीनियर इंजीनियर नीलेश कोहली एवं प्राइवेट सेक्रेटरी डीके जोशी के अलावा पुराने भोपाल की मटेरियल सप्लायर फर्म शंकर मशीनरी स्टोर एवं केशव ट्रेडर्स शामिल हैं। फर्म के संचालक आनंद कुमार आडवानी व डम्पी के शाहजहांनाबाद स्थित निवास पर भी छानबीन की गई है। इन सभी ठिकानों से सीबीआई ने बड़ी संख्या में दस्तावेज आदि बरामद किए हैं।