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'नैतिकता के आधार पर कई सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य हैं मोदी'

लगभग सभी चुनाव पूर्व सर्वे में नरेंद्र मोदी के मुकाबले पिछड़ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को नमो पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के लिए मोदी को क्लीन चिट नहीं दी जा सकती है। इसकी बात करना अपरिपक्वता की निशानी है।

By Edited By: Published: Sun, 16 Mar 2014 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 17 Mar 2014 10:33 AM (IST)

नई दिल्ली। लगभग सभी चुनाव पूर्व सर्वे में नरेंद्र मोदी के मुकाबले पिछड़ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को नमो पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के लिए मोदी को क्लीन चिट नहीं दी जा सकती है। इसकी बात करना अपरिपक्वता की निशानी है। राहुल का कहना था कि दंगों के दौरान प्रशासन की स्पष्ट और अक्षम्य विफलता के लिए मोदी सरकार की न्यायिक जवाबदेही तय की जानी चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष के अनुसार, 'दंगों में मोदी की भूमिका को लेकर लगे आरोपों और साक्ष्यों की ठीक तरीके से जांच होना अभी होना बाकी है।' सरकार के कामकाज में अपनी दखलंदाजी को लेकर उठे सवाल उन्होंने कहा, 'मेरी ताकत को बढ़ा-चढ़ा कर आंका गया। जबकि सच्चाई यह है कि कई मुद्दों पर सरकार से मेरा मतभेद रहा। मेरी बातें खारिज कर दी गई।'

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इस संवाददाता से खास बातचीत में राहुल ने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं कि मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआइटी (विशेष जांच दल) की रिपोर्ट पर कई विशेषज्ञों ने सवालिया निशान लगाया है। एसआइटी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इस संदर्भ में यह भी उल्लेखनीय है कि निचली अदालत द्वारा स्वीकृत एसआइटी की खामियों भरी रिपोर्ट की न्यायिक समीक्षा अभी उच्च न्यायपालिका ने नहीं किया है।' उनका कहना था, '2002 के दंगों के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराने वाले स्पष्ट आरोपों और पुख्ता साक्ष्यों की पर्याप्त जांच होना बाकी है। ऐसी स्थिति में उन्हें (क्लीन चिट) देने की बात करना भाजपा के लिए भले ही राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाने वाला हो, लेकिन इस पर चर्चा करना अभी उचित नहीं है। अब भी कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब देश चाहता है।' भाजपा के इस कथन पर कि जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआइटी और अदालत ने नमो को क्लीन चिट दे दी है तो उन्हें (मोदी) गुजरात दंगों को लेकर माफी मांगने की जरूरत नहीं है, राहुल ने कहा, 'मोदी नैतिकता के आधार कई सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य हैं। इसके अलावा दंगे रोकने में विफलता को लेकर भी उनकी सरकार की न्यायिक जवाबदेही बनती है। इससे वह बच नहीं सकते।' उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी आम चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन 2009 से बेहतर होगा। पार्टी को पिछली बार के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलेंगी। राहुल को पक्का विश्वास है कि इस बार भी केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग-3 सरकार बनेगी। वह चिदंबरम और पीसी चाको की इस बात से सहमत नहीं दिखे कि कांग्रेस मुश्किल के दौर से गुजर रही है। हालांकि उन्होंने माना कि कांग्रेस एक चुनौतीपूर्ण चुनाव लड़ रही है। लेकिन चुनावों में हमारी जीत होगी। 1984 के सिख विरोधी दंगों की चर्चा पर राहुल ने कहा, 'इस पर पीएम और कांग्रेस अध्यक्ष ने माफी मांग ली है। मैं पूरी तरह से उनकी भावनाओं के साथ हूं।'

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