रोचक तथ्य : लक्कड़वाला-सुंदरवाला दोनों की बुर्ज एक जैसी
सुंदर बाग हुमायूं के मकबरे के बेहद करीब है। जाहिर है इस विश्व धरोहर के पास होने के कारण यहां भी बाग विकसित किया गया जिसे अजीम बाग कहा जाता था।
निजामुद्दीन स्थित सुंदर-बाग नर्सरी क्षेत्र के भीतर सुंदरवाला बुर्ज के साथ लक्कड़वाला बुर्ज भी है। दोनों के नाम ऐसे क्यों पड़े इसके पीछे की कहानी तो लोगों को नहीं मालूम लेकिन दोनों बुर्ज एक जैसे दिखते हैं। सन् 1600 ईवी में मुगलकाल में दोनों बुर्ज बनवाए गए। सुंदरवाला बुर्ज के उत्तर पश्चिम दिशा में सुंदर बाग नर्सरी के बीचों बीच से होकर गुजरने वाला रास्ता लक्कड़वाला बुर्ज की तरफ ले जाता है। यह बुर्ज एक चौकोर चबूतरे पर अनगढ़े पत्थरों से निर्मित है। इस चबूतरे पर महराबी आले बने हुए हैैं। मकबरे के भीतरी हिस्से में गोल गुंबद में वनस्पतियों तथा अभिलिखित शानदार ढंग से अलंकृत किया गया है। इस बुर्ज में कोई व्यक्ति दफन है इसकी जानकारी नहीं है।
इतिहासकार कनिका दावर बताती हैं कि सुंदर बाग हुमायूं के मकबरे के बेहद करीब है। जाहिर है इस विश्व धरोहर के पास होने के कारण यहां भी बाग विकसित किया गया जिसे अजीम बाग कहा जाता था। अंग्रेजों ने यहां पर नर्सरी विकसित की। खास बात यह है कि लुटियन जोन में लगाए गए ज्यादातर पेड़ पौधे इसी नर्सरी में तैयार किए गए थे। लक्कड़वाला बुर्ज का निर्माण मुगल शैली में है। इसके बुर्ज को मेहराबी आले से सजाया गया है। जालीदार आलों में मुगलकालीन काम देखा जा सकता है। इसके अलावा इसमें मुगल अंदाज के चार मेहराबी द्वार भी हैं। चारों दीवारों को एक जैसे डिजाइन से सजाया गया है।