Move to Jagran APP

यहां सेंसेक्स के गिरते-उछलते रेट बढ़ाते हैं भूख

गुरुग्राम में भी एक जगह है जहां शाम ढलते ही लोगों का जमावड़ा लगता है। सेंसेक्स बोर्ड पर लगातार गिरते-उछलते रेट के हिसाब से लोग खान पान की चीजें आर्डर करते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 03:17 PM (IST)
यहां सेंसेक्स के गिरते-उछलते रेट बढ़ाते हैं भूख
यहां सेंसेक्स के गिरते-उछलते रेट बढ़ाते हैं भूख

हम बात कर रहे हैं सेक्टर 29 स्थित वेपर एक्सचेंज की। यहां पर लोगों की संख्या व चीजों की मांग बढऩे व घटने के साथ अनुसार चीजों की कीमतें घटते व बढ़ती हैं। खाने पीने के साथ साथ गेम का जो अनुभव मिलता है उसे हर कोई लेना चाहता है। 

loksabha election banner

-खास है सिटिंग :

यहां बैठने की व्यवस्था इस तरह से की गई है कि हर जगह से एक्सचेंज बोर्ड नजर आए जिसपर हर क्षण दाम बदलते हैं। सामने वाले एरिया में सीटें नीचे हैं बोर्ड से दूर वाली सीटों को थोड़ा ऊपर कर दिया गया है ताकि ग्राहक किसी भी रेट को मिस न करें।

-मिनिमम से मैक्सिमम का खेल :

शाम होते ही रेस्त्रां के बाहर व अंदर रेट फ्लक्चुएट करते हैं। कैफे संचालक विक्रम सीम के मुताबिक यह रेट परचेज रेट कई बार उससे भी कम हो जाते हैं और इसी तरह से ऊंचे भी चले जाते हैं। उनके मुताबिक खासतौर पर बीयर आदि के रेट में इतनी गिरावट आ जाती है कि लोगों को वह एक तिहाई रेट पर मिल जाती है। ऐसे में लोग रेट के इस गेम को खासा एंज्वाय करते हैं।

-बीस रुपये में  ड्रिंक्स :

बीस रुपए में जहां लाइम सोडा तक नहीं मिलता वहां एक्सचेंज में लोगों को बीस रुपये में हार्ड ङ्क्षड्रक्स व बीयर तक मिल जाती है। यह तब होता है जब लोगों की संख्या कम होती है। विक्रम के मुताबिक लोग इसे एक खेल की तरह लेते हैं। इस जगह पर लोग ब्रांड व टेस्ट को भूलकर सस्ती से सस्ती ङ्क्षड्रक लेने की होड़ में रहते हैं।

-कुछ जुदा करना था  :

विक्रम के मुताबिक उन्हें ऐसा अनूठा प्रयोग करने की प्रेरणा मुंबई में बने बार एक्सचेंज से मिली। दिल्ली एनसीआर में ऐसा एक भी कैफे नहीं था जहां पर इस तरह की व्यवस्था हो। इसके अलावा इस क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा व कुछ जुदा करने की चाह में इस कांसेप्ट को चुना। उनके मुताबिक आशाओं के अनुरूप उन्हें एनसीआर से बेहतरीन रेस्पांस मिला। 

-बना युवाओं का फेवरेट :

2015 में बने इस कैफे में दिल्ली एनसीआर से लोग आते हैं। युवाओं के मुताबिक वे किसी एक कैफे या क्लब में जाना पसंद नहीं करते क्योंकि खान पान व म्यूजिक कमोबेश एक जैसा ही होता है। ऐसे में वे कुछ अलग चाहते हैं ऐसे में बार एक्सचेंज की लोकप्रियता बढ़ी है।

'लोगों को आज के दौर में खान पान के साथ साथ मौजमस्ती भी चाहिए होती है। ऐसे में उन्हें कुछ अलग तरह का अनुभव देने के लिए यह स्थान बनाया गया है। यहां पर लोग आते हैं और बोर्ड की कीमतों के साथ आर्डर करना पसंद करते हैं।

- विक्रम सीम, संचालक, वेपर बार एक्सचेंज

'खानपान के साथ साथ शहर के रेस्टोरेंट््स में अब मौजमस्ती के जो डिफरेंट व्यवस्थाएं की जाती हैं वे बहुत आकर्षित करती हैं। स्टॉक एक्सचेंज का पूरा पूरा अनुभव यहां मिलता है। यहां पर ब्रांड व स्वाद से परे एक्सचेंज बोर्ड का बदलाव रोमांचक लगता है।'

- राहुल बतरा, बिजनेसमैन 

'वीकएंड बनता है हैपनिंग

वीकएंड पर जो प्रतिस्पर्धा व रोमांच का फील आता है वह अन्य दिनों में नहीं आ सकता। लोगों का हुजूम व बोर्ड पर गिरते चढ़े दामों को देखकर उनके चेहरों का उत्साह माहौल को हैपङ्क्षनग बना देता है। हम वीकएंड पर इस स्थान पर जाना पसंद करते हैं। बात पैसों से ज्यादा उस रोमांचक अनुभव की होती है।

-मनीष सचदेवा, गुरुग्राम 

 

-प्रस्तुति :  प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम 

यह भी पढें: ऐसे पड़ा नाम बंगाली मार्केट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.