Move to Jagran APP

क्या आपका बेबी भी कुछ खाता नही ?

अक्सर महिलाओं की यह समस्या होती है कि उनका शिशु कुछ खाता नहीं है। अगर आपके साथ भी जुड़ी है यह प्राब्लम तो जानें उपाय..

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 03:58 PM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2016 04:17 PM (IST)
क्या आपका बेबी भी कुछ खाता नही ?

बच्चों में अक्सर यह शिकायत देखने को मिलती है कि वह कुछ खाते नहीं। माताएं प्राय: डॉक्टर से यही बताती हैं कि उनके बच्चे की खाने में रुचि नहीं है व बच्चे का सही शारीरिक विकास नहीं हो रहा है। अलग-अलग उम्र में इसके अलग-अलग कारण होते हैं। इन्हें समझकर धैर्य के साथ इसका समाधान आसानी से संभव है।

loksabha election banner

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जन्म से छह माह की उम्र तक हर शिशु को सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए। इससे अतिरिक्त आहार की न तो शिशु को आवश्यकता होती है और न पचाने की क्षमता। पहले छह माह में दिए गए अनुपयुक्त ठोस आहार से बच्चे में विभिन्न प्रकार की एलर्जी हो सकती है।

छह माह पूर्ण होने के बाद धीरे-धीरे ठोस आहार देना शुरू करें। दलिया, खीर, हलवा, दाल आदि से इसकी शुरुआत करें। इनकी शुरुआत धीरे-धीरे एक-एक करके ही करें। शुरू से ही रोज खाद्य पदार्थ बदलने से बच्चा सब पदार्थ पलटने लगता है।

आठ-दस महीने की उम्र में बच्चा दांत निकलने व मसूढ़े सूजने की वजह से असहज महसूस करता है। इस समय बच्चों को मुलायम खाद्य पदार्थ खिलाने चाहिए। मसूढ़ों पर शहद मलने के साथ ही टीथर भी दे सकती हैं।

एक से डेढ़ साल के बीच बहुत से बच्चों में खाने में रुचि समाप्त हो जाती है, जिसका कोई कारण नहीं दिखता। बच्चा पहले जैसा नहीं खाता, पर उसका विकास फिर भी सामान्य रहता है। ऐसे में अभिभावकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए व बच्चे को उसके स्वादानुसार खाना बदल-बदल कर खिलाएं।कभी भी खाना जोर जबरदस्ती से या मार-पीटकर न खिलाएं। ऐसा करने से आपका लाडला खाने से और दूर भागेगा।

खाना लेकर उसके पीछे भागने से बेहतर है कि आप खाना खाने को एक सुखद अहसास बनाएं। बच्चे को खेल-खेल में थोड़ा-थोड़ा खिलाएं। उसकी अलग आकर्षक थाली सजाएं व उसे स्वयं खाने के लिए प्रेरित करें। बच्चा थोड़ा खाना खाएगा, थोड़ा गिराएगा। इस तरह धीरे-धीरे खाने में उसकी रुचि बन जाएगी।

बड़े बच्चों में खाना न खाना अक्सर आदतन होता है। वे प्राय: अपनी भूख को बाजार के चिप्स, नूडल्स, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट आदि से मिटाते हैं। ये पदार्थ चटपटे और कैलोरीज से भरे होते हैं। इसलिए थोड़ी मात्रा में खाने पर भी इनसे भूख मिट जाती है, लेकिन बच्चे को पोषण नहीं मिल पाता और वह कमजोर रह जाता है। यही नहीं आगे चलकर उनमें विभिन्न बीमारियां व शारीरिक कमियां जन्म लेती हैं। इसलिए आवश्यक है कि ऐसी सूरत में सख्ती बरती जाए व इन वस्तुओं का सेवन कम से कम किया जाए। बच्चों को सहज तरीके से इनके कुप्रभाव बताए जाएं व अच्छी सेहत की ओर प्रेरित किया जाए।

यदि उपरोक्त उपायों के बावजूद आपका बच्चा कुछ नहीं खाता या उसका वजन नहीं बढ़ता तो किसी अच्छे बालरोग विशेषज्ञ की सलाह लें। हो सकता है कि उसके शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो, जिसे पूरा करके उसे अच्छी सेहत की राह पर पुन: लाया जा सके।

याद रखें एक सेहतमंद बच्चा ही विभिन्न बीमारियों से लड़ सकता है और तभी उसका संपूर्ण मानसिक विकास भी संभव है।

READ: बच्चों को मोटापे से रखना है दूर तो इन बातों का रखें ख्याल

बच्चे को कभी न पिलायें दो गिलास से ज्यादा दूध, जानिये कारण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.