सीखा मिल-जुल कर रहना
मेरी सहेली स्नेह पढ़ाई में बहुत होशियार है। वह क्लास में किसी से कोई मतलब नहीं रखती थी। उसकी इसी आदत की वजह से क्लास में बाकी लोग उसे पसंद नहीं करते थे। एक बार मैंने उससे इस बारे में बात की तो उसने कहा, 'मुझे इन सब लोगों की क्या जरूरत? अकेला इंसान मुसीबतों से दू
मेरी सहेली स्नेह पढ़ाई में बहुत होशियार है। वह क्लास में किसी से कोई मतलब नहीं रखती थी। उसकी इसी आदत की वजह से क्लास में बाकी लोग उसे पसंद नहीं करते थे। एक बार मैंने उससे इस बारे में बात की तो उसने कहा, 'मुझे इन सब लोगों की क्या जरूरत? अकेला इंसान मुसीबतों से दूर रहता है।' उसकी यह बात सुनकर मैं चुप हो गई। 11वीं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा से एक महीने पहले हमारी क्लास की एक लड़की आंचल बीमार पड़ गई और स्कूल न आ सकी। टीचर ने स्नेह से उसे अपने नोट्स देने और पढ़ाई में उसकी मदद करने को कहा। स्नेह ने टीचर के सामने तो हां कर दी, पर आंचल को टाल गई। स्नेह की इस हरकत से पूरी क्लास नाराज हो गई। उसकी शिकायत टीचर से की जाती, तो इसके पहले ही मैंने बिना स्नेह से पूछे उसके नोट्स फोटोकॉपी करके आंचल को दे दिए। इस बात पर स्नेह मुझसे थोड़ा नाराज हो गई, लेकिन आंचल परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास हो गई। एक दिन स्नेह स्कूल से घर लौट रही थी। रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया। उसके क्लासमेट उसे अस्पताल लेकर गए। चोट आने के कारण वह 40 दिन तक स्कूल न जा सकी। वार्षिक परीक्षा के दिन भी नजदीक थे। यह देखते हुए पूरी क्लास ने उसकी मदद करने का फैसला किया। वह फर्स्ट आई। इस बार का रिजल्ट देख उसकी आंखों में आंसू आ गए। उसने आंचल को थंक्स कहा और हम सब को भी। उस दिन स्नेह को समझ में आ गया कि हम सब को एक दूसरे की जरूरत होती है, इसलिए हमें मिल-जुल कर रहना चाहिए। अकेला इंसान खुद में कितना भी ताकतवार क्यों न हो, सपोर्ट की जरूरत उसे भी होती है।
(अनविशा सौभरि, अलीगढ़,उत्तर प्रदेश)