किड्स की एक्टिविटी से पहचाने आखिर क्या कहना चाह रहे हैं वो
एक नए पेरेंट के लिए सबसे मुश्किल समय वो होता है जब वे अपने छोटे बेबी की जरुरतों और चाहतों को लेकर क्लुलेस रहते हैं।
हर पेरेंट अपने बच्चे के एक्टिविटी सिग्नल को आसानी से पहचान लेते हैं और वे उनकी हरकत देखकर बेबी की जरुरत समझ जाते हैं। ये बच्चों के साथ उनका अनोखा बॉंड ही तो है जो उन्हें उनसे इस कदर जोड़ कर रखता है।
लेकिन एक नए पेरेंट के लिए सबसे मुश्किल समय वो होता है जब वे अपने छोटे बेबी की जरुरतों और चाहतों को लेकर क्लुलेस रहते हैं। सामान्यत उन्हें बस ये पता होता है कि जब बच्चा रो रहा होता है तो उस भूख लगी होगी। लेकिन रोने के अलावा भी किड्स कई सारे एक्टीविटी करते हैं जिसका मतलब उन्हें समझ नहीं आ पाता है कि बच्चे चाहते क्या हैं।
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं उनके एक्टीविटीज को कैसे डिकोड किया जा सकता है।
जब वे चेहरे बना रहे हों
कभी कभी बेबी के चेहरे के हाव भाव काफी अजीब से हो जाते हैं। उनके फेशियल एक्सप्रेशंस वियर्ड हो जाने पर समझ में नहीं आ पाता है कि वे चाहते क्या हैं। वे आपसे नजरें मिलाने के बजाए अगर अपना चेहरा घुमा लेते हैं या रोना शुरु कर देते हैं तो जानने की कोशिश करें कि वे क्या चाहते हैं। उन्हें अपने करीब लाकर उन्हें सुरक्षा का एहसास करायें।
स्माइलिंग
पहले छह और आठ महीने में किड्स स्माइल करना शुरु कर देते हैं। ये सिग्नल उनके शारीरिक जरुरतों की तरफ इशारा करता है। उन्हें अफेक्शन और प्यार की जरुरत होती है। आप उन्हें अच्छा फील करायें।
कॉपीकैट
तीन से चार महीने के अधिकतर किड्स अपने पेरेंट की नकल करना शुरु कर देते हैं। और वैसे ही फेशियल एक्सप्रेशन भी देना शुरु कर देते हैं। अगर पेरेंट डिप्रेस्ड हैं तो वे भी दुखी हो जाते हैं। ऐसे में उनके गालों को अपने गालों से चिपका कर उन्हें प्यार का एहसास करायें।
बॉडी टॉक
जब उनका पेट भरा होता है और वे पूरी तरह स संतुष्ट होते हैं तो वे हाथों को खुला कर लेते हैं और उन्हें फैला लेते हैं। इसका मतलब ये होता है कि उन्हें फीडींग की जरुरत नहीं है।
बैक पेन
जब किड्स का बैक पेन होता है तो वे बेड पर पड़े पड़े अपनी पोजीशन चेंज करना चाहते हैं। वे काफी परेशान से हो जाते हैं औऱ रोना शुरु कर देते हैं। ऐसे में पेरेंट को उनका बॉडी पोजिशन चेंज करने में उनकी मदद करनी चाहिए। उन्हें बेबी कैरियर पर बिठायें और उन्हें आराम फील करायें।
आंखों और कानों को रगड़ना
जब किड्स अपने आंखों और अपने कानों को रगड़ना शुरु कर दे तो समझना चाहिए उन्हें झुंझलाहट हो रही है या वे थके हुए हैं। ऐसे में उन्हें चाइल्ड स्पेशलिस्ट से दिखायें या फिर उन्हें सुलाने की कोशिश करें।
किड्स का रोना
किड्स के रोने की कई वजहें हो सकती हैं। सबसे पहला कारण या तो वे भूखे हैं या फिर वे कसी प्रकार के दर्द से रो रहे होते हैं। या ये भी हो सकता है कि वे थक चुके हों। जब वे सोकर उठते हैं और अचानक से रोना शुरु देते हैं तो समझें कि वे भूखे हैं। इसके अलावा जब वे कभी भी किसी भी समय अचानक से रोना शुरु कर दें तो समझें कि वे किसी प्रकार के दर्द से परेशान हैं। जब वे ठीक तरीके से सो नहीं पायें और तुरंत हर एक-दो घंटे में जाग जायें तो समझ जायें कि वे बहुत थके हुए हैं।