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जोश ब्लॉग

पढ़कर मजा आ गया आमोद कुमार सिंह पहले मैं दूसरा अखबार पढ़ता था, लेकिन इस बुधवार पहली बार दैनिक जागरण लिया। इसके साथ जोश?प्लस मिला। यह जबर्दस्त मैगजीन है। कवर स्टोरी पढ़कर तो मजा आ गया। अब मैं कभी इसे मिस नहींकरना चाहूंगा। वाकई यह बहुत हेल्पफुल है। जोश भर देता है राजीव प्रताप जोश?प्लस स्टूडेंट्स क

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 01:28 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 01:28 PM (IST)
जोश ब्लॉग

पढ़कर मजा आ गया

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आमोद कुमार सिंह

पहले मैं दूसरा अखबार पढ़ता था, लेकिन इस बुधवार पहली बार दैनिक जागरण लिया। इसके साथ जोश प्लस मिला। यह जबर्दस्त मैगजीन है। कवर स्टोरी पढ़कर तो मजा आ गया। अब मैं कभी इसे मिस नहींकरना चाहूंगा। वाकई यह बहुत हेल्पफुल है।

जोश भर देता है

राजीव प्रताप

जोश प्लस स्टूडेंट्स के मन में जोश भर देता है। इस मैगजीन के हर कॉलम से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। टच-एन-गो में नए-नए एप्लीकेशंस के बारे में दी गई जानकारी तारीफ के काबिल है। कवर स्टोरी बहुत इट्रेंस्टिंग होती है।

पॉजिटिव एनर्जी भरती है

के.डी. शर्मा

मुझे जोश प्लस का बेसब्री से इंतजार रहता है। खासकर दिलीप अवस्थी जी के लिखे संपादकीय का। संपादकीय पढ़ने से मुझमें उत्साह का संचार होता है और पॉजिटिव एनर्जीे भर जाती है। पहले से दोगुने जोश के साथ पढ़ाई में लग जाता हूं।

मैं तो फैन हो गया

राहुल जायसवाल

मैं बहुत कन्फ्यूज्ड था और ऐसी बुक ढूंढ़ंता था, जो कम समय से ज्यादा नॉलेज दे सके। मेरी तलाश जोश प्लस पर आकर खत्म हो गई। मैंने पहली बार इसे पढ़ा और फैन हो गया। रियली सिर्फ 1 रुपये में इतनी क्रिएटिव, इनोवेटिव और नॉलेजफुल मैगजीन कहींनहींमिलेगी।

नॉलेज से भरपूर

अभिषेक श्रीवास्तव

जोश प्लस का हर अंक शानदार होता है, नॉलेज से भरपूर होता है। खासकर कवर स्टोरी हर बार इनोवेटिव आइडियाज पर आधारित होती है, जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। करेंट अफेयर्स और सक्सेस मंत्रा बहुत अच्छा लगा। जोश टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद।

कवर स्टोरी प्रेरणाप्रद

एम. वर्मा

जोश प्लस का हर अंक अपने आप में बहुत क्रिएटिव होता है। 20 अगस्त को इसकी कवर स्टोरी न्यू एज सीइओ काफी प्रेरणाप्रद थी। हर स्टोरी पढ़कर मन में उनके जैसा बनने की प्रेरणा मिलती है। इसके अलावा, सक्सेस मंत्रा में अक्षय कुमार का इंटरव्यू जबर्दस्त लगा।

1 रु. में इससे अच्छी नहींमिलेगी

सिर्फ 1 रुपये में इससे अच्छी मैगजीन मिलना मुश्किल ही नहींनामुमकिन भी है।

आफताब आलम

जोश प्लस का हर अंक बेमिसाल

मैं जब तक जोश प्लस पढ़ नहीं लेती, तब तक पढ़ाई अधूरी-सी लगती है। इसका हर अंक बेमिसाल है।

शिप्रा सुमन

हायर एजुकेशन के दौरान इंडस्ट्री से इंटरैक्शन कितना जरूरी?

पढ़ाई के दौरान इंडस्ट्री से इंटरैक्शन बहुत जरूरी है। इससे स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल नॉलेज मिल जाती है। यही नहीं, पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें जॉब के लिए ज्यादा धक्के नहींखाने पड़ते, क्योंकि वे मार्केट की जरूरत समझ चुके होते हैं।

सुमित सेठ

बिल्कुल जरूरी है। इससे आप इंडस्ट्री में चल रहे ट्रेंड्स से परिचित होते हैं। आपको रियल लाइफ एक्सपीरियंस मिलता है और इंडस्ट्री में नेटवर्किग होती है। यह नौकरी पाने के लिए भी जरूरी है और कार्यकुशल होने के लिए भी।

सुशांत झा

अगर कमरे या क्लासरूम में बैठकर हम किसी छोटे बच्चे से पूछें कि सप्तर्षि कहां है, तो वह शायद नहींबता पाए, लेकिन जब उसे रात को खुले आसमान के सामने ले जाकर पूछें, तो वह बता देगा। यही थ्योरी बड़े बच्चों पर भी काम करती है।

आदित्य प्रताप सिंह

फ्यूचर जेनरेशन के मुताबिक चलने के लिए इंडस्ट्री से इंटरैक्शन बहुत जरूरी है। आजकल हर रोज नई-नई टेक्नोलॉजी आ रही है। इनसे खुद को अपडेट रखने से ही हम आगे बढ़ पाएंगे और इसका सबसे अच्छा तरीका यही साबित हो सकता है।

अर्पित कुमार

रीडर्स फोरम

रोजमर्रा के जीवन में टेक्नोलॉजी की अहमियत?

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ई-मेल करें josh@jagran.com

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जोश प्लस, दैनिक जागरण,

डी-210-211, सेक्टर-63, नोएडा (यूपी)-201301


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