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मन की सुनें, फिर गुनें...

बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट का इंतजार कर रहे किशोर इन दिनों दोहरी मानसिकता के दौर से गुजर रहे होंगे। उनके मन में एक तरफ जहां आगे एक अलग दुनिया में प्रवेश करने को लेकर रोमांच-उत्साह होगा, तो वहीं अपेक्षित परिणाम को लेकर आशंका-अनिश्चितता भी...। लेकिन अगर मेरी मानें, तो आपको

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 13 May 2015 11:37 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2015 11:38 AM (IST)
मन की सुनें, फिर गुनें...

बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट का इंतजार कर रहे किशोर इन दिनों दोहरी मानसिकता के दौर से गुजर रहे होंगे। उनके मन में एक तरफ जहां आगे एक अलग दुनिया में प्रवेश करने को लेकर रोमांच-उत्साह होगा, तो वहीं अपेक्षित परिणाम को लेकर आशंका-अनिश्चितता भी...। लेकिन अगर मेरी मानें, तो आपको किसी भी तरह की आशंका, अनिश्चितता या डर को ताक पर रख देना चाहिए। एक एग्जाम आपके करियर या आपकी जिंदगी का फैसला कतई नहीं कर सकता। अगर परीक्षा में बहुत अच्छे प्रदर्शन को लेकर कॉन्फिडेंट हैं, तो अच्छी बात है, पर अगर ऐसा नहीं भी है, तो भी इसके आधार पर यह न मान लें कि आपके भीतर कोई योग्यता या क्वालिटी नहीं है। हर व्यक्ति के भीतर कोई न कोई खासियत होती है। हो सकता है कि आप अपनी इस खासियत से अनजान हों। दूसरों की तरफ देखने या उनके साथ चलने की बजाय अपने भीतर छिपी इस खासियत को पहचानें। इसमें घर वालों, टीचर या काउंसलर की मदद लें। एक बार आप अपनी खासियत को जान गए, तो फिर उससे संबंधित फील्ड में कामयाबी की कुलांचें भरने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

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हो सकता है कि आपकी पसंद से माता-पिता सहमत न हों, लेकिन अगर आपको अपने चयन और सामथ्र्य पर भरोसा है, तो आपको उन्हें कनविंस करने और भरोसा दिलाने का प्रयास करना चाहिए। निश्चित रूप से हर मां-बाप अपनी संतान की खुशी के लिए ही चिंतित रहते हैं। यही कारण है कि वे कामयाबी को पक्का करने के लिए करियर के आजमाये नुस्खे को अनचाहे आप पर थोपते हैं। आप उस राह पर नहीं बढऩा चाहते, तो उन्हें अपनी बात समझाने का प्रयास करें। एक बार की डांट से कदम पीछे न खींचें। आखिर यह आपके करियर का सवाल है। आपकी कोशिश से वे पसीजेंगे ही। एक बार पसंद तय कर लेने के बाद जो भी फील्ड चुनें, उसमें पूरा होमवर्क करें। उसमें कौन-कौन से कोर्स उपलब्ध हैं? किसे करना ज्यादा उपयोगी हो सकता है? अगले कुछ सालों में उसमें कितनी संभावनाएं हैं? यह कोर्स किस कॉलेज या संस्थान से करना उचित होगा? उस कॉलेज और उसके कोर्स को रेगुलेटरी बॉडी से मान्यता हासिल है या नहीं? जिस कॉलेज या संस्थान में एडमिशन लेना चाहते हैं, वहां पढ़ाई की क्वालिटी कैसी है? वहां प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की सुविधा है या नहीं? इंडस्ट्री से कितना इंटरैक्शन होता है? वहां से कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट का रिकॉर्ड कैसा रहा है? इस बारे में आप इंटरनेट या वहां पढ़ रहे स्टूडेंट्स की मदद से जान सकते हैं। बारहवीं का पड़ाव आपके करियर का टर्निंग प्वाइंट है। यही वह समय है, जब आपको अपने करियर का सबसे महत्वपूर्ण फैसला लेना होता है। इसके लिए परिजनों, टीचर्स और काउंसलर की मदद लेने में बिल्कुल संकोच न करें..., हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं...

संपादक

दिलीप अवस्थी


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