बनाएं अपना यूनीक ब्रांड
फैशन का मतलब सिर्फ स्टाइलिश कपडे या एक्सेसरी डिजाइन करना ही नहीं है। आज रिटेल सेक्टर में घरेलू और इंटरनेशनल ब्रांड्स के बीच जिस तरह का कॉम्पिटिशन है, उसमें हर कोई अपना यूनीक ब्रांड क्रिएट करना और मार्केट में ज्यादा से ज्यादा दिखाई देना चाहता है। ब्रांड कितना यूनीक है, उसी से उसकी पहचान बनती है। यही उसकी कामयाबी का राज भी होता है। यहीं से रोल शुरू होता है फैशन कम्युनिकेशन का। जिन लोगों के अंदर फैशन की समझ और डिजाइन की योग्यता है, वे इस फील्ड में करियर बनाने की दिशा में आगे बढ सकते हैं। हालांकि इस फील्ड में आने के लिए यह समझ भी होनी चाहिए कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल, वेब और ऑडियो-विजुअल मीडिया में कैसे फैशन ट्रेंड्स को प्रमोट किया जाए। ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए फैशन कम्युनिकेशन नया और एक्साइटिंग फील्ड हो सकता है। स्कोप जोरदार फैशन इंडस्ट्री में अब तक विजुअल मचर्ेंडाइजिंग, स्टाइलिंग ऐंड ग्राफिक डिजाइनिंग, डिस्प्ले, एग्जिबिट डिजाइनिंग, एडवरटाइजिंग, पब्लिक रिलेशन स्ट्रैटेजी और फैशन रिलेटेड क्रिएटिव राइटिंग जैसे मीडियम से एंट्री ली जाती रही है, लेकिन अब इसमें फैशन कम्युनिकेशन भी शामिल हो गया है। अच्छी बात यह है कि इसमें यंगस्टर्स के लिए काफी स्कोप है। इंडिया में फैशन और लाइफस्टाइल इंडस्ट्री लगातार तरक्की कर रही है। ऐसे में फैशन जर्नलिस्ट्स की डिमांड बढ गई है। न्यूजपेपर, मैग्जीन, ब्लॉग के अलावा, लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट चैनल्स में अच्छी जॉब अपॉरचुनिटीज हैं। यंग प्रोफेशनल्स चाहें, तो पब्लिक रिलेशन, फैशन एडवरटाइजिंग, स्टाइल कंसल्टेंसी, इवेंट मैनेजमेंट, कैटवॉक शोज, गैलरीज के अलावा, विजुअल इमेजरी, टेक्स्ट, इंफॉर्मेशन और एक्सपेरिमेंटल डिजाइन के क्षेत्र में भी आगे बढ सकते हैं। कोर्स व क्वॉलिफिकेशन इस फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स को जरूरी स्किल हासिल करनी होगी। फैशन कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन करने के लिए 50 परसेंट मार्क्स के साथ हायर सेकेंडरी होना जरूरी है। इसके अलावा, अगर आपने पांच सब्जेक्ट्स के साथ नेशनल ओपन स्कूल से सीनियर सेकंडरी स्कूल एग्जामिनेशन पास किया है, तो इसके बाद फैशन कम्युनिकेशन का कोर्स कर सकते हैं। कई कॉलेज बीएससी (फैशन कम्युनिकेशन) प्रोग्राम के लिए एक निश्चित पैटर्न अडॉप्ट करते हैं। यह एक तरह का स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम है, जिसमें कम्युनिकेशन स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाती है। स्किल डेवलपमेंट फैशन कम्युनिकेशन प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को फैशन बिजनेस, डिजाइन के बेसिक्स, फैशन स्टाइलिंग और पोर्टफोलियो डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाती है। इससे स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल सक्सेस के लिए जरूरी स्किल्स डेवलप करने में मदद मिलती है। वे किसी भी बिजनेस रिलेटेड प्रॉब्लम को क्रिटिकल डिसीजन मेकिंग टूल और प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस से सॉल्व कर सकते हैं। इस तरह जिन प्रोफेशनल्स को इंडस्ट्री के सामने आने वाले चैलेंजेज का ठोस सॉल्यूशन पता है, वे फैशन कम्युनिकेशन कोर्स कर नेम और फेम कमा सकते हैं। पे-पैकेज फैशन कम्युनिकेशन के क्षेत्र में फैशन कम्युनिकेशन प्रोफेशनल के रूप में काम शुरू करने पर सालाना ढाई से तीन लाख रुपये का पैकेज मिल सकता है। इससे रिलेटेड बाकी क्षेत्र में भी अच्छी सैलरी मिल जाती है। प्रमुख संस्थान -नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली -नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद -सिंबायोसिस सेंटर ऑफ डिजाइन, पुणे अंशु सिंह