टिप्स फॉर अप्लाइंग ऑनलाइन
आजकल जॉब अप्लाई करने के लिए ऑफलाइन मेथड की जगह ऑनलाइन पैटर्न ही फॉलो किया जा रहा है। इस पैटर्न के भी अपने कुछ सिंपल एटिकेट्स हैं, जिन्हें फॉलो करना जरूरी है..
आज से कुछ साल पहले तक जॉब के लिए ऑफलाइन मेथड से अप्लाई करना न केवल काफी टफ होता था, बल्कि एक थकाऊ प्रॉसेस भी फॉलो करना पडता था। कई बार बाय पोस्ट अप्लाई करने पर इस बात की कोई गारंटी नहीं होती थी कि एप्लीकेशन एक्सेप्ट होगी भी या नहीं। ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रॉसेस से यह प्रॉब्लम सॉल्व हो गई है, लेकिन इस प्रॉसेस को यूज करने के लिए भी कुछ एटिकेट्स जरूरी हैं..
रीड बिफोर अप्लाई
जॉब सीकर्स के मेल बॉक्स में हर दूसरे-तीसरे दिन जॉब से रिलेटेड कोई न कोई मेल जरूर आती है। इनमें से कुछ ही प्रोफाइल से मैच करती हैं, लेकिन बहुत से लोग बिना देखे-सुने ही इस तरह की हर मेल की रिप्लाई दे देते हैं। रिप्लाई करने से पहले पूरा जॉब डिस्क्रिप्शन पढ लें कि वह आपके लिए सही है भी कि नहीं।
पर्सनल कॉन्टैक्ट्स
सोशल नेटवर्किग साइट्स से अपनी फील्ड से रिलेटेड लोगों से कॉन्टैक्ट्स बनाएं। उनसे जॉब के बारे में पूछते रहें। कई बार कुछ बडी कंपनीज अपनी वेबसाइट्स पर जॉब की इंफॉर्मेशन देती हैं और वह आपकी नॉलेज में जब तक आती हैं, तब तक अप्लाई करने की डेट निकल चुकी होती है। गूगल अलर्ट्स सर्विस इसमें आपकी काफी हेल्प कर सकती है।
सब्जेक्ट बॉक्स का रोल
जब हम किसी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई करते हैं, तो सबसे पहले यह देखा जाता है कि मेल के सब्जेक्ट बॉक्स में क्या लिखा है। इसमें अगर हमारी बात क्लियर नहीं है, तो हो सकता है कि आपकी मेल खोले बिना ही डिलीट कर दी जाए। इसलिए सब्जेक्ट बॉक्स में पोस्ट का नाम जरूर लिखें।
रोल ऑफ कवरिंग लेटर
जॉब के लिए भेजे जाने वाले रिज्यूमे के साथ कवरिंग लेटर जरूर लिखें। चाहें तो मेल के साथ ही एक छोटा सा सिनॉपसिस लिख सकते हैं। ज्यादातर लोग कवरिंग लेटर इतना बडा लिख देते हैं कि रिज्यूमे ही छोटा पड जाता है। कवरिंग लेटर में एक्सपीरियंस और क्वॉलिफिकेशन के अलावा ज्यादा नहीं लिखना चाहिए। कवरिंग लेटर इंग्लिश में लिखें ताकि फॉन्ट की प्रॉब्लम न आए। वह रीडेबल हो और कम से कम 10 प्वाइंट में हो।
पर्सनल कॉन्टैक्ट नहीं
जॉब के लिए सबमिट की गई ई-मेल में संबंधित ऑफिसर से उसका पर्सनल कॉन्टैक्ट न मांगें। ज्यादातर लोग दो या तीन मेल के कम्युनिकेशन के बाद ही यह मिस्टेक कर देते हैं। कई कंपनीज में तो इसी बेस पर कैंडिडेट को रिजेक्ट भी कर दिया जाता है। किसी भी तरह की क्वैरी के लिए ऑथराइज्ड मेल का ही यूज करें।
फॉलोअप
जॉब के लिए आपको चूज कर लिया गया और रिटेन टेस्ट और इंटरव्यूृ भी ले लिया गया। अगर कंपनीज पॉलिसीज अलाऊ करती हैं, तो ई-मेल से रिलेटेड ऑफिसर या एचआर पर्सन से रिजल्ट की इंफॉरमेशन ले सकते हैं। अगर आंसर न मिले, तो अगली मेल कम से कम 7 दिन बाद ही भेजें।
यूज फॉमर्ल लैंग्वेज
अप्लाई करते समय या बाद में क्वैरी के लिए एक ही मेल यूज करें। जिस साइट पर आप जॉब के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उसका ईमेल एड्रेस अपने एड्रेस बॉक्स में सेव कर लें। अपनी हर मेल की शुरुआत में रेस्पेक्टेड वर्ड का यूज जरूर करें।
शरद अग्निहोत्री