Mistakes Makes Perfect
हम मिस्टेक्स से डरते हैं और हमारा यही डर नए इनोवेशन करने से रोक देता है। लाइफ में कुछ अचीव करना है, तो इस डर को दिल से निकालना ही पड़ेगा। क्लोव स्टार डेंटल चेन के सीईओ अमर सिंह कुछ ऐसा ही मानते हैं..
इनोवेशन के लिए मिस्टेक्स जरूरी
हमें यह सिखाया जाता है कि मिस्टेक करोगे, तो डांट पडेगी। जब हम इस माहौल में रहेंगे, तो नए इनोवेशन की सोच कहां डेवलप होगी। इनोवेशन फेल्योर से ही शुरू होते हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों में लोग अनजाने में हुई मिस्टेक से डरते नहीं। हमें भी मिस्टेक से डरना नहीं चाहिए, उसे स्वीकारें। मिस्टेक हो, तो यह जानें कि आखिर यह हुई क्यों? जिस दिन हमारा सिस्टम इसको एक्सेप्ट कर लेगा, सोसायटी में बहुत कुछ चेंज हो जाएगा।
लीडरशिप फॉर्मूले को जानें
वर्क और क्वॉलिटी से ही लीडरशिप डेवलप होती है। जब तक हम अपनी कमियों को खुद पहचानकर उन्हें दूर नहीं करेंगे, तब तक हमें दूसरों के फॉल्ट बताने का हक नहीं है। लीडरशिप क्वॉलिटी एक्सपीरियंस से आती है, साथ काम करने से आती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि चीजों को सीखने की कोशिश करना शुरू करें।
इनोवेशन का रियल मीनिंग
इनोवेशन ऐसा हो, जिसका बेनिफिट अधिक से अधिक लोगों को मिले। आज जो चीज लोगों से कनेक्ट है, वही हिट है। देख लीजिए किस तरह से मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक से पूरी दुनिया को कनेक्ट कर दिया। मैं भी अपने काम और इनोवेशन से लोगों को कनेक्ट की कोशिश कर रहा हूं।
वर्क लाइफ बैलेंस
लाइफ हो, स्टडी या फिर बिजनेस अगर उसे ऑर्गेनाइज्ड तरीके से मैनेज नहीं करेंगे, तो प्रॉब्लम होगी। जो काम जिस वक्त करना है, तो करना है। मैं अपने बिजनेस को देखता हूं। मीटिंग फिक्स रहती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि फैमिली रिस्पांसिबिलिटी छोड दूं। आप भी ऐसा ही करें। फैमिली और करियर में बैलेंस होगा तभी सारी चीजें ठीक होंगी।
हेल्थ इज वेल्थ
कैलिफोर्निया की एक फेमस कहावत है, हेल्दी काऊ गिव्स गुड मिल्क। यह कहावत सभी इंडस्ट्रीज पर लागू होती है। मैं कहता हूं, हेल्दी-हैप्पी एंप्लॉइज गिव्स गुड रिजल्ट। हम हेल्दी होंगे, तभी वर्क में 100 परसेंट देंगे। हेल्दी रहने के लिए एंटरटेनमेंट जरूरी है। जब भी टाइम मिले हंसी-मजाक करें। इसका रिजल्ट वर्क और हेल्थ दोनों पर नजर आएगा।
एनालिसिस करें
टैलेंट होने के बाद भी जब सक्सेस नहीं मिलती है, तो वर्क क्वॉलिटी गिरने लगती है। ऐसा हो तो फील्ड चेंज कर लेने में भी कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए। मैंने इंजीनियरिंग की डिग्री ली, फिर एमबीए किया और अब मेडिकल फील्ड में काम कर रहा हूं। सक्सेस भी मिल रही है, ऐसा ही कुछ आप भी आजमा सकते हैं।
एवरीथिंग इज इनोवेशन
लाइफ इनोवेशन है। इसमें हम किसी आइडिया से भी आइडिया निकलकर कुछ नया कर सकते हैं। इंप्रूवमेंट न रुकने वाली प्रक्रिया है। हमारे कलीग्स, फ्रेंड्स, हमें नई इंफॉर्मेशन दे सकते हैं, लेकिन यह हम पर डिपेंड करता है कि हम इन्हें किस तरह से लेते हैं।
इंटरैक्शन : शरद अग्निहोत्री