समाज के लिए अभिशाप है कुपोषण
सिमडेगा : जिला बाल संरक्षण संस्था के तत्वावधान में जिला को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से समाहरण
सिमडेगा : जिला बाल संरक्षण संस्था के तत्वावधान में जिला को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से समाहरणालय सभाकक्ष में शनिवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपायुक्त दीप्रवा लकड़ा ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर कहा कि कुपोषण समाज के लिए अभिशाप है। समाज के लोगों के साथ समन्वय स्थापित कर इस बीमारी को दूर किया जा सकता हे। सिमडेगा, ठेठईटांगर, कुरडेग, कोलेबिरा और सिमडेगा में कुपोषण उपचार केंद्र बनाए गए हैं, जो सफलता पूर्वक संचालित हो रहे हैं। उन्होंने एएनएम, सहिया और सेविकाओं से बैठक कर कुपोषित बच्चों के माताओं को उपचार केंद्रों तक लाने की जिम्मेवारी लेने की बात कही। समाज में जागरूकता लाने के लिए कुपोषित बच्चे के माताओें को ही ब्रांड एंबेसडर नियुक्त की जानी चाहिए, जो उपचार केंद्र की सहायता को समाज के लोगों को बताएंगे। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल विभाग कुपोषण मुक्त समाज बनाने के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। जिप उपाध्यक्ष बिरसा मांझी ने कहा कि ग्रामीण क्षत्रों में जागरूकता से ऐसी अभिशाप को दूर किया जा सकता है। वहीं सिविल सर्जन डॉ. बेनेडिक्ट ¨मज ने माताओं के पोषक व बरती जाने वाली स्वच्छता संबंधी जानकारी दी। कुपोषण उपचार के लिए स्टेट मास्टर ट्रेनर जगरनाथ हेंब्रम ने कुपोषण के तकनीकी पक्ष व उपचार से संबंधित जानकारियां दी। कार्यशाला में डीडीसी विजय मुंजनी, डीआरडीए नदशक पूर्णचंद्र कुंकल, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एहतेशामुल हक, डीपीआरओ शिवनंदन बड़ाईक, जिला बाल कल्याण पदाधिकारी तेजबल शुभम, प्रखंड विकास पदाधिकारी, पीएमआरडीएफ रीका सालीममा खाखा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका सहित पदाधिकारी व जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।