जलस्त्रोत सूखा, छाया पेयजल संकट
सिमडेगा : गर्मी आते ही जलसंकट की समस्या गहराने लगी है। नदी, तालाब, कुएं, हैंडपंप जवाब देने लगे हैं।
सिमडेगा : गर्मी आते ही जलसंकट की समस्या गहराने लगी है। नदी, तालाब, कुएं, हैंडपंप जवाब देने लगे हैं। कई जलस्त्रोत तो पूरी तरह सूख चुके हैं। शहर से सटा पालमाड़ा व शंख नदी का ऊपरी जलस्त्रोत पूरी तरह सूख चुका है। नदियों में जहां तक नजरें जाती है, सिर्फ उड़ते रेत ही दिखाई देते हैं। नदियों में पानी नहीं होने से उसका सीधा असर किनारों पर बसे शहर व बस्तियों में पड़ रहा है। लोगों को भय सता रहा है कि अभी अप्रैल महीना शुरू ही हुआ है और स्थिति विकट होनी शुरू हो गई है। जिले का अधिकतम तापमान 38 डिग्री तक पहुंच गया है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे-वैसे पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
दरअसल पुरानी जलापूर्ति केंद्र से महज आधी आबादी को ही पानी पाइपलाइन के माध्यम से मिलती है। शेष क्षेत्र के लोग कूप, डांडी, हैंडपंप से काम चलाते हैं। शहरी जलापूर्ति की नई योजना सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गई है। नयी योजना के मूर्त रूप लेने से शहरवासियों की पानी की आवश्यकता काफी हद तक पूरी हो जाती।