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खरसावां होगा 30 तक खुले में शौचमुक्त

जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिले के खरसावां प्रखंड को 30 मार्च तक खुले में शौचमुक्त घोषित क

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 02:47 AM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 02:47 AM (IST)
खरसावां होगा 30 तक खुले में शौचमुक्त
खरसावां होगा 30 तक खुले में शौचमुक्त

जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिले के खरसावां प्रखंड को 30 मार्च तक खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया जाएगा।

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उपायुक्त रमेश घोलप ने बुधवार को जिला समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों को बताया कि 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के खरसावां, सरायकेला व चांडिल तीन प्रखंडों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य को सफल बनाने के लिए तीनों प्रखंडों में शौचालय निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है। खरसावां प्रखंड में शौचालय निर्माण का लक्ष्य लगभग पूरा कर लिया गया है और 30 मार्च तक प्रत्येक घरों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण एवं सत्यापन का कार्य पूर्ण को जाएगा। 30 मार्च तक खरसावां प्रखंड को औपचारिक रूप से खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया जाएगा।

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आसान नहीं था टास्क

उपायुक्त ने कहा कि खरसावां प्रखंड को खुले में शौचमुक्त करने की प्रक्रिया एक चुनौती थी। बीटापुर तथा री¨डग पंचायत के कई गांव पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है जहां शौचालय निर्माण सामग्री पहुंचाना बड़ी चुनौती थी। जोडीहा तथा तेलाइडीह पंचायत में 40-45 किलोमीटर की दूरी से शौचालय निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उपायुक्त ने बताया कि दुर्गम क्षेत्र में जागरूकता का अभाव था। जंगल, पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीण खुले में शौच करने के आदि थे। इसी कड़ी में जहां चाह वहां राह की कहावत को चरितार्थ करने में पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति एवं महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई।

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प्रखंड स्तरीय प्रतिनिधियों ने झोंकी ताकत

उपायुक्त ने कहा कि खुले में शौच मुक्त बनाने में प्रखंड स्तरीय प्रतिनिधियों ने चुनौती के साथ पूरी ताकत झोंकी है। इस प्रयास में जिला प्रशासन द्वारा कई जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को पंचायतवार नोडल पदाधिकारी तथा पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को ग्राम स्तर पर नोडल व्यक्ति के रूप में प्रतिनियुक्त कर नियमित निगरानी एवं अनुश्रवण समय दर समय किया गया। उपायुक्त ने कहा कि खुले में शौचमुक्त करना मतलब केवल शौचालय निर्माण ही नहीं जागरूकता की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस क्रम में स्वच्छ भारत मिशन तथा जीएसएफ व आइडीएफ की जिला स्तरीय टीम ने विगत दो महीने से ग्राम स्तर पर कई महत्वपूर्ण कार्य किए। 20 सामुदायिक ट्रिग¨रग, 21 रात्रि चौपाल, 10 मॉर्निग फॉलोअप, 81 बाल निगरानी समिति एवं ग्राम स्तर पर 69 निगरानी समिति का गठन किया गया। महिला स्वयं सहायता समूहों का आठ ओरिएंटेशन एवं राजमिस्त्री प्रशिक्षण तथा पंचायत प्रतिनिधियों को 14 प्रशिक्षण एवं उत्साहवर्धन कार्यक्रम किया गया।

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15 अप्रैल तक जिले के 21 पंचायतों होंगे खुले में शौचमुक्त उपायुक्त रमेश घोलप ने कहा कि 2016-17 के जनवरी महीने में सरायकेला-खरसावां जिला शौचालय निर्माण में राज्य स्तर पर 3815 शौचालय निर्माण कर आठवें स्थान पर था। जो वर्तमान 32017 शौचालय निर्माण कर जिला राज्य स्तर पर चौथे स्थान पर है। जिले के बारह पंचायतों का पंचायत स्तरीय खुले में शौचमुक्त सत्यापन हो चुका है तथा छह पंचायतों में पंचायत स्तरीय सत्यापन कार्य प्रगति पर है जबकि इनमें से दस पंचायतों का जिला स्तरीय सत्यापन कर राज्य स्तर पर प्रतिवेदित किया जा चुका है। 15 अप्रैल तक जिले के 21 पंचायतों का खुले में शौचमुक्त सत्यापन का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

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ये अधिकारी थे मौजूद

संवाददाता सम्मेलन में उप विकास आयुक्त आकांक्षा रंजन, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता एचके मिश्रा, जिला समन्वयक विकास ¨सह, आइडीएफ के राज्य प्रबंधक संजीव झा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुजाय कुंडू उपस्थित थे।


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