खरसावां में शुरू हुई ब्रोकोली की खेती
- पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा करवा रहे हैं ब्रोकोली की खेती फोटो- 09 टिनागोड़ा की बंज
- पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा करवा रहे हैं ब्रोकोली की खेती
फोटो- 09 टिनागोड़ा की बंजर जमीन पर उपजाई गई ब्रोकोली
प्रमोद ¨सह, सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिला में पहली बार खरसावां के टिनागोड़ा (हरिभंजा) में ब्रोकोली की खेती हुई है। ब्रोकोली की मांग शहरों में काफी अधिक है तथा अन्य गोभियों के मुकाबले इसकी कीमत चार गुना अधिक है। फिलहाल इसकी कीमत प्रति पीस 50 से 60 रुपया है। नवंबर माह में इसकी कीमत प्रति पीस एक सौ रुपये से अधिक हो जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा इन दिनों खरसावां के टिनागोड़ा (हरिभंजा) में ब्रोकोली समेत अन्य सब्जियों की खेती करवा रहे हैं। मुंडा ने यहां बेकार पड़ी बंजर भूमि को पहले कृषि करने के लायक उपजाऊ बनाया। फिर खेती करवाना शुरू कराया। यहां ब्रोकोली समेत कई तरह की सब्जी की खेती की जा रही है। करीब 35 एकड़ जमीन में अलग-अलग किस्म की सब्जी उत्पादन हो रही है। ब्रोकोली समेत फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, साग, बैंगन, मूली, आलू की खेती हो रही है। अर्जुन मुंडा के मार्गदर्शन में पहली बार इस क्षेत्र में ब्रोकोली की खेती की गई और जबरदस्त पैदावार भी हुई है। वैज्ञानिक तरीके से खेती हो रही है। ब्रोकोली की खेती से इस क्षेत्र के किसान भी काफी प्रोत्साहित हो रहे हैं। --------
क्या है ब्रोकोली
ब्रोकोली को खाने के कई न्यूट्रिशनल फायदे होते हैं। यह गहरी हरी सब्जी, ब्रेसिक्का फैमिली की है। जिसमें पत्तागोभी और गोभी भी शामिल है। ब्रोकोली को पकाकर या फिर कच्चा भी खाई जा सकती है। इसे उबाल कर खाएंगे तो ज्यादा लाभकारी होगा। इस हरी गोभी में आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन ए और सी पाई जाती है। इस कारण ब्रोकोली की सब्जी को पौष्टिक आहार में रूप में खाई जाती है। इसके अलावा इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी होता है। यह बीमारी और बॉडी इंफेक्शन से लड़ने में सहायक होता है। इसलिए बाजार में ब्रोकोली की काफी मांग है तथा महंगी सब्जी के रूप में बिक्री होती है।